Navsatta
अपराधक्षेत्रीय

महिला से लूट की सूचना देना भाजपा नेता को पड़ा भारी थानेदार धक्का देकर ले गए थाने, हमेशा सुर्खियों में रहे है एसएचओ मिल एरिया

संवाददाता : पंकज गुप्ता

रायबरेली : यह है जिले की मित्र पुलिस क्या अब घटना की सूचना देना मतलब अपने गले में फंदा डालने के बराबर होगा ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है रायबरेली के मिल एरिया इंचार्ज ने जब लूट की सूचना देने वाले भाजपा के नगर अध्यक्ष अखिलेश तिवारी को धक्के मारते हुए पुलिस थाने ले गई।
घटना मिल एरिया थाना क्षेत्र के मलिक मऊ कॉलोनी के पास की है जहां पर महिला के साथ लूट की घटना को अंजाम दिया गया। इसकी जानकारी मिलने पर भाजपा के नगर अध्यक्ष अखिलेश तिवारी ने मिल एरिया इंचार्ज को सीयूजी नंबर पर फोन किया और घटना की जानकारी दी।अखिलेश तिवारी का आरोप है कि पुलिस बल लेकर थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे लेकिन उन्होंने उल्टा उनके साथ अभद्रता की और उन्हें धक्के मारते हुए गाड़ी में बैठा कर थाने ले आएं।
जिस महिला के साथ लूट हुई वह भाजपा से जुड़ी हुई हैं घटना की जानकारी मिलते ही अखिलेश तिवारी के समर्थन में दो दर्जन से ज्यादा भाजपा पदाधिकारी मिल एरिया थाने पहुंच गए और वहां पर धरना दे दिया पूर्व प्रत्याशी अनीता श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंची उन्होंने भी मिल एरिया इंचार्ज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

*थाने में बैठे भाजपाई अब समझे आम आदमी को कुछ पुलिस वालों से कितना अपमानित होना पड़ता है?*

सत्ता के नशे में चूर भाजपाइयों का मनोबल जबरदस्त बढ़ा हुआ है। भले ही इस मामले में एसएचओ की गलती है लेकिन एसएचओ के कार्यालय में घुसकर धरने पर बैठ जाना कहां तक उचित है। मंच पर खड़े होकर भयमुक्त ,अपराध मुक्त की बात करने वाले भाजपा नेता इस घटना से समझ लें कि वाहन चेकिंग के नाम पर हर चौराहे पर खड़े होकर आम नागरिक का सार्वजनिक अपमान पुलिस कैसे करती होगी एक असहाय, आम नागरिक अपमान के घूंट कैसे पीता होगा।
सोशल मीडिया पर बहुत से वीडियो वायरल होते हैं। जिसमें पुलिस कर्मी अनावश्यक आम नागरिक को पीटकर गाली देकर अपमानित करते हैं। वायरल होने वाले इन वीडियो पर भाजपाइयों की नजर भी जरूरत पड़ती रही होगी लेकिन दलील कानून व्यवस्था को सुधारने की दी जाती है। जिस तरह से धरना भाजपा के पदाधिकारी के अपमान पर दिया गया है। वैसा ही धरना भाजपाई आम जनता के अपमान अपमान पर देंगे तो ज्यादा न्याय संगत रहेगा।

*क्या चिंहित हैं!भाजपा के वो नेता जिनकी सुनेंगे प्रशासनिक अधिकारी*

बहुत से भाजपा के पदाधिकारियों के वीडियो वायरल हुए हैं कि प्रशासन कार्यकर्ताओं की नहीं सुन रहा है यह सच भी है और उचित भी है कि अगर प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भाजपा के हर कार्यकर्ताओं की सुनने लगेंगे तो मैं अराजकता फैलने लगेगी लेकिन आखिर प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के किन पदाधिकारियों की सुन रहा है उनके नाम भी सार्वजनिक करें। जिससे पीड़ित कार्यकर्ता और जनता सीधे उनसे संपर्क कर सके।
सूत्रों की मानें तो जिले में भाजपा और उससे मुख्य संगठन के करीब छह-सात पदाधिकारी ऐसे हैं जिनकी प्रशासनिक अधिकारी सुनते हैं और किसी भी पदाधिकारी व कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं होती है भले ही उनका काम सही क्यों न हो उदाहरण के तौर पर आज की घटना पर्याप्त है।

*जो विपक्ष में रहते कभी आंदोलन में शामिल नहीं हुए वो भाजपा नेता थाने के अंदर धरने पर बैठ गए।*

आज पुलिस ने जो अभ्रदता शिकायतकर्ता के साथ की। इस तरह की अभ्रदता आम आदमी आय दिन झेलता रहता है लेकिन थाने के अंदर धरने में जो भाजपा पदाधिकारी बैठे थे उसमें से कुछ तो वे थे जो सत्ता आने के बाद सुख भोगने आए हैं। कुछ तो ऐसे भी थे जिन्होंने कभी सपा व बसपा की सरकार के दौरान होने वाली भाजपा के द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए थे। यह सत्ता का नशा और हिम्मत है कि वह आज थाने के अंदर धरने पर बैठने का मनोबल जुटा ले गए।संगठन के मूल कार्यकर्ताओं को मुंह चिढ़ाने वाले सत्ता की मलाई खाने वाले आम जनता की तकलीफ को कभी समझ नहीं पाएंगे। एसएचओ अपनी गलती पर भले ही माफी मांग ले मगर आम आदमी के साथ जो अभ्रदता आए दिन होती है आखिर उसकी जवाब कौन तय करें?

संबंधित पोस्ट

ग्रामीण की गोली मारकर हत्या, साधु को लाठी-डंडों से पीटा

navsatta

अलग-अलग हिस्सो में हुई प्रधान प्रत्याशियों की मौत से मतदान में नया मोड़, चुनाव स्थगित

navsatta

विश्वविद्यालय की स्थापना कर बच्चों को देंगे निःशुल्क शिक्षाःअनिरुद्धाचार्य महाराज

navsatta

Leave a Comment