Navsatta
राज्यविदेश

उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों के अपने-अपने राम!

लखनऊ। जातीय राजनीति में उलझे उत्तर प्रदेश में अब राम नाम की गूंज है। अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद अब दो-दो राजनीतिक दलों ने भगवान परशुराम के नाम का सहारा लिया है। सपा के द्वारा प्रत्येक जिले में परशुराम की मूर्ति लगवाने की घोषणा के बाद आज बसपा प्रमुख मायावती ने सपा से बड़ी परशुराम की मूर्ति तथा उनके नाम से अस्पताल खोलने की घोषणा की है। यह सब हो रहा है उस ब्राह्मण वोटबैंक को रिझाने के लिए जो फिलहाल भाजपा सरकार से नाराज चल रहा है।

राजनीतिक दलों की तैयारियों से लग रहा है कि प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव में राम नाम की गूंज ही सुनाई देगी। वोट के लिए भगवान को भी जातियों में बांटने का काम चल रहा है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम जहां भगवान विष्णु के सातवें अवतार और सूर्यवंशी क्षत्रिय थे वहीं भगवान विष्णु के छठें अवतार भगवान परशुराम जिन्हें बाल्यकाल में राम के नाम से जाना जाता था,भृगुवंशी ब्राह्मण थे। उनके साथ एक किंवदंती और जुड़ी है कि उन्होंने 21 बार धरती से क्षत्रियों का संहार किया था। यही कारण है कि प्रदेश के विपक्षी दलों में अब परशुराम के जरिये ब्राह्मण समाज को रिझाने की होड़ है।

कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर के बाद ब्राह्मण समाज में उपजे कथित आक्रोश में भाजपा विरोधी दलों को अपने लिए अवसर दिख रहा है। विकास दुबे एनकाउंटर के साथ हाल-फिलहाल हुईं कुछ अन्य ब्राह्मण हत्या व उत्पीड़न को जोड़कर सपा, कांग्रेस और बसपा में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को ब्राह्मण विरोधी करार देने की होड़ लग गयी। इससे पहले कि सोशल मीडिया पर उठी ब्राह्मण आक्रोश की इस चिंगारी को विपक्षी दल भुना पाते, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में भूमि पूजन करके भाजपा विरोधियों के इस हथियार को कुंद कर दिया।

अब परिदृश्य अचानक बदल चुका है। भूमि पूजन के हवन में अपना समूचा हिन्दू वोट बैंक (खासकर ब्राह्मण वोटर) स्वाहा होते देख विपक्ष की बेचैनी बढ़ गयी है। सवर्ण समाज को अपने पाले में करने के लिए प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में भगवान परशुराम की मूर्तियां लगवाने की प्रतियोगिता शुरू हो गयी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व भी संदेश देने में पीछे नहीं है। बिकरू कांड के बाद ब्राह्मण समाज को अपने पाले में करने के लिए शुरू हुई प्रतियोगिता अयोध्या में भूमि पूजन के बाद काफी दिलचस्प हो चुकी है। हाल ही में सपा ने लखनऊ में भगवान परशुराम की 108 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित करवाने का ऐलान किया। सपा प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने प्रदेश के हर जिले में परशुराम प्रतिमा और कुछ जनपदों में स्वाधीनता संग्राम के नायक मंगल पांडे की मूर्ति लगवाने का ऐलान किया।

सपा के इस ऐलान के बाद मायावती को भी अपना ब्राह्मण प्रेम जाहिर करने के लिए सामने आना पड़ा। आज बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर बसपा सुप्रीमो ने सपा को ब्राह्मण विरोधी बताते हुए उनसे बड़ी भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने का ऐलान किया। इतना ही नहीं मायातवी ने कहा कि यदि उनकी सरकार बनती तो वह परशुराम के नाम पर अस्पताल भी बनवाएंगी। इससे पहले मायावती वर्तमान सरकार पर ब्राह्मणों को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगा चुकी हैं। सवर्ण वोट बैंक को अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस भी वर्तमान सरकार में ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न और उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सियासी बिसात बिछाने में जुट गयी है। कांग्रेस ने ब्राह्मण वोट बैंक को रिझाने के लिए जितिन प्रसाद को काम पर लगा दिया है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और प्रदेश नेतृत्व भी संदेश देने में जुट गया है। पिछले दिनों गाजीपुर में एक फौजी ब्राह्मण परिवार की पुलिस पिटाई के बाद कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल वहां पहुंचा था। अयोध्या में भूमि पूजन पर भी प्रियंका गांधी ने हिन्दू समाज को बधाई देते हुए सभी को चौंका दिया था। 22 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में करीब 11 प्रतिशत ब्राह्मण हैं। ब्राह्मण मतों के सहयोग से सत्ता का सुख प्राप्त कर चुके सभी दल अब इस समुदाय को रिझाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

संबंधित पोस्ट

UP Board 10th Result Out: यूपी बोर्ड रिजल्ट 2022 घोषित, कानपुर के प्रिंस पटेल टॉपर, 88.25% पास

navsatta

ऑनलाइन ने वरासत के हक को दी रफ्तार

navsatta

कनाडा में भारतीय छात्रों को मिलेगी राहत

navsatta

Leave a Comment