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इस खास योग से इस बार स्पेशल होगी राखी

इस बार भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले आपको शुभ नक्षत्र देखने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि इस बार रक्षा बंधन (2 अगस्त, गुरुवार) के पूरे दिन श्रवण नक्षत्र का योग रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार भद्रा नक्षत्र का योग न होने से पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। यह योग सबके लिए शुभ व सुख-समृद्धि दायक रहेगा। भद्रा की ये स्थिति 2007 में भी बनी थी, उस वर्ष भी रक्षाबंधन पर्व पर पूरे दिन भद्रा नहीं थी।

ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस बार 1 अगस्त, बुधवार की रात 10 बजकर 49 से श्रवण नक्षत्र प्रारंभ होगा जो 2 अगस्त, गुरुवार की रात 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस तरह श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन के दिन करीब 24 घंटे श्रवण नक्षत्र का योग बन रहा है। रक्षा बंधन पर विशेष बात यह है कि इस बार भद्रा नक्षत्र न होने से पूरे दिन कभी भी राखी बांधी जा सकेगी। ऐसा कम ही होता है जब रक्षा बंधन के दिन भद्रा नक्षत्र का योग न बनता हो। सालों बाद ऐसा शुभ योग इस राखी पर बन रहा है।

क्या होता है श्रवण व भद्रा नक्षत्र ?

श्रवण नक्षत्र श्रावण (सावन) की पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्रमा से संयोग करता है इसलिए हिंदू धर्म में इस महीने को श्रावण कहते हैं। 27 नक्षत्रों में से एक श्रवण नक्षत्र को अति शुभ माना गया है क्योंकि इसके आराध्य भगवान विष्णु हैं। श्रवण नक्षत्र सभी प्रकार के अवरोधों को समाप्त कर सभी कार्यों को शुभ बनाता है।

इसके विपरीत भद्रा नक्षत्र को शुभ कामों के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इस नक्षत्र में किए गए शुभ काम फलदाई नहीं होते। राखी पर अक्सर भद्रा नक्षत्र का योग बनता है इसलिए इस दिन राखी बांधते समय शुभ नक्षत्र अवश्य देखा जाता है।

महिलाएं करेंगी श्रवण पूजन

श्रवण नक्षत्र के समय महिलाएं परंपरानुसार घर के बाहर गाय के गोबर व लाल गेरु से श्रवण कुमार की कृति बनाकर पूजन कर उन पर रक्षासूत्र अर्पित करेंगी। यह पूजन सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।

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