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संसद का बजट सत्र आज से: वित्त मंत्री पेश करेंगीं इकोनॉमिक सर्वे

नई दिल्ली,नवसत्ताः संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से इसकी शुरुआत होगी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। कल यानि 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश किया जाएगा। बता दें यह मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। वहीं, बजट सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष महंगाई, चीन की सेना की घुसपैठ, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा ,राम रहीम की परौल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है। जानकारी के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल की पार्टी, आप, केसीआर की पार्टी बीआरएस समेत कई विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर सकती हैं।

एक दिन पहले हुई थी सर्वदलीय बैठक
इससे पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक में 27 दलों के 37 नेता मौजूद रहे थे। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक अच्छी रही। उन्होंने कहा था कि सदन को बेहतर ढंग से चलाने के लिए विपक्ष का सहयोग चाहते हैं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। बैठक में कांग्रेस और सपा के नेता मौजूद नहीं थे। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने लेटर लिखकर बता दिया था कि वे मौसम के चलते कश्मीर में फंसे हैं, इसलिए उनके नेता नहीं आ सकते हैं। पार्टी से 31 जनवरी को अलग से चर्चा की जाएगी।

इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है?
जिस तरह से मिडिल क्लास परिवारों में हिसाब-किताब के लिए डायरी बनाई जाती है, जिससे महीने या साल के आखिर में पता चलता है कि कितना कमाया, कितना बचाया और कहां-कितना खर्च हुआ और आगे के खर्चों का अनुमान लगाया जाता है, ठीक वैसे ही इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक हालत का लेखा-जोखा होता है।

एक साल में सरकार ने कितना पैसा जमा किया और कहां-कहां खर्च किया, इसका ब्योरा इकोनॉमिक सर्वे में रहता है। इससे देश की इकोनॉमी की हालत पता चलती है और कई संभावनाओं को ध्यान में रखकर अगले साल के खर्चों का एक अनुमान तैयार किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो इकोनॉमिक सर्वे में बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान का जिक्र रहता है।

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