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पाक नागरिकों के वीजा पर रोक, हाई कमीशन को बंद किया गया, अटारी-वाघा बॉर्डर सील

 

पहलगाम हमले पर भारत का बड़ा एक्शन: सिंधु जल समझौते को भी निलंबित किया गया

नई दिल्ली,नवसत्ता: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ राजनयिक, सैन्य और आवागमन संबंधों पर कई स्तरों पर कार्रवाई की है। मंगलवार को हुए इस भयावह हमले में अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल है। इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ को पाकिस्तान समर्थित माना जा रहा है। हमले की विभीषिका को देखते हुए भारत सरकार ने इसे ‘क्रॉसिंग द रेड लाइन’ करार दिया है और जवाब में कई निर्णायक फैसले लिए हैं।

विदेश मंत्रालय ने बुधवार शाम को बताया कि भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों के सभी मौजूदा वीज़ा तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाते हैं। जिन पाकिस्तानी नागरिकों को विशेष प्रयोजन एंट्री स्कीम (SPES) के तहत वीज़ा मिला हुआ है, उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी नए वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया भी अगली सूचना तक स्थगित कर दी है।

भारत सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायुसेना से जुड़े सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से वापस बुलाने का आदेश जारी किया है। इन पदों को अनिश्चितकाल के लिए निरस्त कर दिया गया है। भारत सरकार के इस निर्णय को कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान से दूरी बनाने की स्पष्ट मंशा के रूप में देखा जा रहा है।

इसके अलावा, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित करते हुए भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यह कार्रवाई राजनयिक परंपराओं के अनुसार उस स्थिति में की जाती है जब किसी देश का कोई अधिकारी गुप्त गतिविधियों या राष्ट्रविरोधी कार्यों में संलिप्त पाया जाता है या संदेहास्पद माना जाता है।

भारत ने पंजाब में स्थित अटारी-वाघा बॉर्डर को भी आज शाम से अगली सूचना तक बंद करने का फैसला किया है। यह बॉर्डर न केवल लोगों के आवागमन बल्कि भारत-पाकिस्तान के सीमित व्यापार का भी एक अहम मार्ग रहा है। इस फैसले से द्विपक्षीय जनसंपर्क पर गहरा असर पड़ेगा।

गौरतलब है कि मंगलवार को आतंकियों ने पुलिस की वर्दी पहनकर अनंतनाग ज़िले के पहलगाम में बैसरन घाटी के पास पर्यटकों के एक दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। हमलावरों ने धर्म पूछकर मुसाफिरों को चुन-चुनकर गोली मारी, जो कि 1990 के दशक की आतंकवाद शैली की याद दिलाने वाला एक दिल दहला देने वाला हमला था।

हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को बताया कि भारत इस हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की एक और जघन्य मिसाल मानता है और इसका समुचित उत्तर दिया जाएगा।

सरकार ने इसके अलावा सिंधु जल समझौते को भी निलंबित करने का फैसला लिया है और संबंधित अधिकारियों को सिंधु नदी की जल योजना की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। यह भारत की ओर से पाकिस्तान पर जल कूटनीति का सबसे बड़ा प्रयोग माना जा रहा है।

इन तमाम कार्रवाइयों के बीच केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है। बैठक में हमले की पृष्ठभूमि और सरकार की रणनीतिक कार्रवाईयों पर चर्चा होगी ताकि आतंकवाद के खिलाफ एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रुख प्रस्तुत किया जा सके।

भारत के इन कड़े फैसलों से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अब वह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा और हर मोर्चे पर उसका जवाब देने के लिए तैयार है।

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