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डॉक्टर्स डे विशेष : मिलिए रायबरेली के दंत चिकित्सक डॉ. रत्नेश शुक्ला से

गरिमा

एक बार मेरे सीनियर्स ने रैगिंग के दौरान हम लोगों से सारा दिन व सारी रात खाने की प्लेटें धुलवायीं, यहां तक कि रात भर धुली हुई प्लेटें भी दोबारा धुलवाते रहे जिससे मैं रात भर सो नहीं पाया…

रायबरेली, नवसत्ता : डॉक्टर्स डे की विशेष सीरीज में आज हम आपको शहर के डेंटिस्ट डॉ. रत्नेश शुक्ला से मिलवाने जा रहे हैं। डॉ. रत्नेश जब 7-8 वर्ष के थे तब उनके छोटे भाई की तबीयत अत्यधिक खराब हो गई थी। जिसके इलाज के लिए जिले के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के. एस. सिंह के पास जाते जाते और उन्हें देखते देखते कब डॉक्टर बनना डॉ. रत्नेश का सपना बन गया, उन्हें पता ही न चला। फिर इस सपने को उन्होंने अपना लक्ष्य बना लिया। डॉ रत्नेश ने आगरा मथुरा मार्ग पर स्थित कांति देवी डेंटल कॉलेज से वर्ष 2013 में अपनी बीडीएस पढ़ाई पूरी की। उसके बाद करीब 1 वर्ष तक एक वरिष्ठ दंत चिकित्सक के सानिध्य में प्रैक्टिस करने के बाद अगस्त 2014 में रायबरेली शहर में अपना डेंटल क्लीनिक चला रहे हैं। कॉलेज के दिनों में रैगिंग की याद करते हुए डॉक्टर शुक्ला ने बताया कि एक बार मेरे सीनियर्स ने रैगिंग के दौरान हम लोगों से सारा दिन व सारी रात खाने की प्लेटें धुलवायी, यहां तक कि रात भर धुली हुई प्लेटें भी दोबारा धुलवाते रहे जिससे मैं रात भर सो नहीं पाया और अगले दिन खूब रोने लगा। तब मेरे सीनियर्स ने मुझे चुप कराते हुए कहा कि यह सब रैगिंग वगैरह तुम लोगों की हिचक दूर करने के लिए की जाती है जिससे तुम लोगों में आत्मविश्वास की भावना का विकास हो सके।

अपने अब तक के करियर में यादगार क्रिटिकल केस के बारे में पूछने पर डॉ. रत्नेश ने बताया कि मेरे पास दो अत्यधिक चुनौतीपूर्ण केस आए थे। वर्ष 2016 में करीब 30-35 वर्ष के युवक का केस आया था जिसको अपने मुंह में कैंसर का अंदेशा था और वो मरीज सारी उम्मीदें खो बैठा था। मैंने 6 महीने तक उसका इलाज किया और उसकी बीमारी को जड़ से खत्म किया था। आज भी अगर उसे दातों संबंधित कोई भी समस्या होती है तो वह व्यक्ति मेरे पास आता है। इसी प्रकार एक बार एक एक्सीडेंट का केस आया था, जिसमें एक 25-26 साल के युवक का जबड़ा बाहर आ गया था उसके लिए मैंने सुबह 6:00 बजे अपने क्लीनिक में जाकर उसका इलाज किया था। वास्तव में जब मेरे द्वारा इलाज किया हुआ व्यक्ति स्वस्थ होकर अपने घर जाता है तो मुझे अत्यधिक शांति की अनुभूति होती है। आज के माहौल को देखते हुए डॉ. रत्नेश ने कहा कि सब अपना ध्यान रखें, सुरक्षित रहें और कोविड-19 के मानकों का पालन करें।

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