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लॉन्च हुआ भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य L-1

नई दिल्ली,नवसत्ताः  भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) ने कुछ दिन पहले चंद्रमा पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बाद एक बार फिर इतिहास रचने के उद्देश्य से शनिवार को देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1′ का यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया।

इसरो के अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही 23.40 घंटे की उलटी गिनती समाप्त हुई, 44.4 मीटर लंबा ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 11.50 बजे निर्धारित समय पर शानदार ढंग से आसमान की तरफ रवाना हुआ। यह लगभग 63 मिनट की पीएसएलवी की “सबसे लंबी उड़ान” होगी।

 

इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1′ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है। अंतरिक्ष यान, 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1′ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा। यह वहीं से सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन करेगा।

इसे शनिवार पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर इसरो के भरोसेमंद पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के जरिये श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया। ‘आदित्य एल1′ के 125 दिनों में लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1′ के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है, जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है।

आदित्य 16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा और 5 बार थ्रस्टर फायर कर अपनी ऑर्बिट बढ़ाएगा। इसके बाद फिर से आदित्य के थ्रस्टर फायर किए जाएंगे और ये L1 पॉइंट की ओर निकल जाएगा। 110 दिन के सफर के बाद ये L1 पॉइंट के पास पहुंच जाएगा। थ्रस्टर के जरिए आदित्य को L1 पॉइंट की ऑर्बिट में डाला जाएगा और ये अपने एक्सपेरिमेंट शुरू कर देगा।

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