Navsatta
खास खबरदेशमुख्य समाचारराज्य

कैलाश रेंज में मजबूती से बौखलाया ड्रैगन, लद्दाख में बढ़ा रहा सैनिक

नई दिल्ली,नवसत्ताः अरुणाचल में चीनी सेना के साथ हुई झड़प को लद्दाख सेक्टर से ध्यान भटकाने की कोशिश की तौर पर देखा जा रहा है। पूर्वी सेक्टर में घुसपैठ के बहाने चीन ने देपसांग, दमचौक और चुमर के उस ओर तैनात अपने 70 हजार सैनिकों को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट देने के लिए सैन्य इन्फ्रास्टक्चर को मजबूत बना लिया है।

सूत्रों के अनुसार चीनी सेना पिछले साल बनाए गए उन बफर जोंस के उस पार बैठने की तैयारी कर चुकी है, जहां से आमने-सामने की तैनाती लंबी बातचीत के बाद हटी थी। इन इलाकों में पीएलए ने बड़े पैमाने पर निगरानी ड्रोन लगाए हैं ताकि भारत पर नजर रख सके।

दरअसल, पीएलए इस कोशिश में है कि कैलाश रेंज में तैनाती कर जिस तरह भारतीय सेना ने उसे मात दी थी, उसकी पुनरावृत्ति न हो। सूत्रों के मुताबिक चीन दूरगामी रणनीति के तहत यह खेल रच रहा है। चीन बार-बार विवाद खड़े कर रहा है। वह एलएसी को एलओसी जैसी स्थिति में बदलने की मंशा रखता है। जैसे भारत और पाकिस्तान की बीच की नियंत्रण रेखा है। यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।

एलएसी पर 23 क्षेत्र विवादित हैं, इनमें 13 सामरिक महत्वपूर्ण

  • भारत-चीन एलएसी पर विवाद के 23 क्षेत्र हैं, जिनमें से 13 प्रमुख हैं। लद्दाख सेक्टर में 7 विवादित इलाकों में चीन 5 क्षेत्रों में सामरिक दृष्टि से कमजोर है।
  • 6 विवादित क्षेत्र पूर्वी सेक्टर में हैं। 1962 की जंग के बाद वापसी करने पर पीएलए ऊंचाई वाले स्थानों पर लौट गई थी।
  • पिछले साल लद्दाख के 5 विवादित क्षेत्रों को बफर जोन बनाया गया। इससे एलएसी की स्थिति एलओसी जैसी हो गई क्योंकि यहां बफर जोन में गश्त नहीं होती।

संबंधित पोस्ट

JAL JEEVAN MISSION के घोटालेबाज़ अधिकारियों की लोकायुक्त जाँच

navsatta

पूर्वांचल के 20 लाख घरों तक रसोई गैस पहुंचाएगी सरकार

navsatta

शिक्षित ही नहीं स्किल्ड भी हो रहीं प्रदेश की बेटियां

navsatta

Leave a Comment