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…..और ध्वस्त हो गया भ्रष्टाचार का ट्विन टावर

नोएडा,नवसत्ता: नोएडा में ट्विन टावर की 32 मंजिला एवं 29 मंजिला दोनों इमारतें ठीक 2:30 बजे एक बड़े धमाके के साथ बजे गिराई गईं. चारों ओर धूल का गुबार और धुंआ ही धुंआ ही दिखाई दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया और तदनुसार दोनों टावर को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था. इसी के साथ भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए सुपरटेक ट्विन टावर्स को इतिहास में दर्ज कर दिया.

नोएडा में ट्विन टावर गिराने से पहले एडिफाइस कंपनी की महापूजा हुई. बाकायदा पंडित को बुलाकर हवन पूजन किया गया. ट्विन टावर गिराने के लिए की गई इस पूजा में 6 लोग मौजूद थे, जिसमें कंपनी के डायरेक्टर उत्कर्ष मेहता समेत उनकी टीम के लोग शामिल हुए. पूजा करीब 1 घंटे चली.

जानकारी के मुताबिक 200 करोड़ से ज्यादा की लागत में बने ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 20 करोड़ का खर्च आने की बात कही जा रही है. यह रकम भी बिल्डर्स से ही वसूली जाएगी.

सुपरटेक के ट्विन टावर्स ध्वस्त होने के बाद धूल अगले तीन से चार दिनों तक लोगों को परेशान कर सकती है. इससे बचने के लिए बच्चों और बुजुर्गो को मास्क लगाने की जरूरत पड़ेगी.

ट्विन टावर को गिराए जाने के बाद करीब 80 हजार टन मलबा निकलेगा, जिन्हें साफ करने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा. पूरे इलाके में धूल की एक मोटी परत जम गई है, जिन्हें युद्धस्तर पर साफ किया जाना है.

दोनों टॉवर को गिराने के लिए 7000 छेदों में 3,700 किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. ध्वस्तीकरण वाले इलाके में एनडीआरएफ की टीम, करीब 800 पुलिसकर्मी, 100 लोग रिजर्व फोर्स के और चार क्विक रिस्पांस टीम भी तैनात है. एक्सप्रेस वे पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद है.

बता दें की ट्विन टावर का अवैध रूप से निर्माण करने में बिल्डर और नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों द्वारा नियमों की जिनती अनदेखी की गई, उतनी ही बड़ी लड़ाई बिल्डर के खिलाफ आम नागरिकों को लडऩी पड़ी.

“These illegal twin towers were ordered to be demolished in strict action by SC.

This will send a message that illegal work will not be tolerated in state,” says Awanish K Awasthi, ACS Home, UP

सुपरटेक को 13.5 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. परियोजना का 90 फीसदी यानी करीब 12 एकड़ हिस्से पर 2009 में ही निर्माण पूरा कर लिया गया था. 10 फीसदी हिस्से को ग्रीन जोन दिखाया गया. 2011 आते-आते दो नए टावरों के बनने की खबरें आने लगीं. 12 एकड़ में जितना निर्माण किया गया, उतना एफएआर का खेल खेलकर दो गगनचुंबी इमारतों के जरिये 1.6 एकड़ में ही करने का काम तेजी से जारी था. अंदाजा लगाया जा सकता है कि 12 एकड़ में 900 परिवार रह रहे हैं, इतने ही परिवार 1.6 एकड़ में बसाने की तैयारी थी.

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