मुंबई,नवसत्ता: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर सियासी घमासान शुरू हो चुका है. दरअसल राज्यपाल कोश्यारी एक कार्यक्रम के दौरान यह कह डाला कि, अगर गुजराती और राजस्थानी मुंबई से बाहर चले जाएं तो यहां पैसों की किल्लत हो जाएगी और आर्थिक राजधानी के रूप में मुंबई का दावा भी खत्म हो जाएगा. इस बयान के बाद ही कांग्रेस ने राज्यपाल को आड़े हाथों लेते हुए कड़ी आलोचना की और माफी की मांग की है.
नाम कोश्यारी पर थोड़ी भी नहीं होशियारी: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इनका नाम ”कोश्यारी” है. लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी ”होशियारी” नहीं होती. ये कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ”हम दो” के आदेश का निष्ठा पूर्वक पालन करते हैं.
इनका नाम 'कोश्यारी' है। लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी 'होशियारी' नहीं होती। ये कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि 'हम दो' के आदेश का निष्ठा पूर्वक पालन करते हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 30, 2022
मुंह में जो आए और कुछ भी बोलना बंद कीजिए: राज ठाकरे
वहीं नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘आपको महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है, तो बोलना बंद कीजिए. राज्यपाल एक प्रतिष्ठित और सम्मान का पद है. इसलिए आपके विरोध में बोलने से लोग कतराते हैं. परंतु आपके बयान से राज्य की जनता को दुख होता है.
महाराष्ट्र की जनता दूसरे राज्य के लोगों को अपने मन और जमीन दोनों में जगह दे रही है, तभी तो लोग यहां व्यवसाय करने के लिए आए और आते रहते हैं. दूसरी तरफ उन्हे कभी ऐसा माहौल मिलेगा क्या? बेवजह, चुनाव नजदीक है तो मुंह में जो आए और कोई कुछ कहे तो बोलना बंद कीजिए. आप यह क्यूं बोल रहे हैं, मराठी मानुष को गुस्सा मत दिलाइए, इतना मैं अभी आपको बता देता हूं.’
मराठी मानुष और शिवाजी महाराज का अपमान शुरू: संजय राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘राज्यपाल ने जिस तरह की बात कही, वह निंदनीय है. महाराष्ट्र की जनता ने मुम्बईबज्व के लिए खून पसीना दिया है. हर चीज को पैसों से नहीं तौलना चाहिए. महाराष्ट्र में बीजेपी पुरस्कृत मुख्यमंत्री होते ही मराठी मानुष और शिवाजी महाराज का अपमान शुरू हो चुका है. स्वाभिमान, अभिमान यह सब खत्म हो चुका है.
थोडक्यात काय तर महाराष्ट्र व मराठी माणूस भिकारडा
आहे…
105 मराठी हुतात्म्यांचा असा अपमान मोरारजी देसाई यांनी देखील केला नव्हता..
मुख्यमंत्री शिंदे …ऐकताय ना.
की तुमचा महाराष्ट्र वेगळा आहे..
स्वाभिमानाचा अंश उरला असेल तर आधी राज्यपालांचा राजीनामा मागा..
दिल्ली पुढे किती झुकताय? pic.twitter.com/qhjQ3nGEwf— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 30, 2022
अगर शिवसेना का नाम लेकर यह सब सुनना और बर्दाश्त करना है. तो ऐसे लोगों को शिवसेना का नाम लेने का कोई हक नहीं है. मुख्यमंत्री शिंदे को राज्यपाल के इन शब्दों का कम से कम निषेध तो जरूर करना चाहिए यह महाराष्ट्र की जनता का अपमान है.
मराठियों को कम आंकने का कोई इरादा नहीं था, राज्यपाल ने दी सफाई
इन सबके बीच विवाद को बढ़ता देख राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान पर सफाई पेश की है. उन्होंने कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र का स्वाभिमान है. यह देश की आर्थिक राजधानी भी है. इस वजह से मैंने बहुत से बहुत ही कम समय में मराठी भाषा सीखने की कोशिश भी की है. कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था. उसमें मेरा मराठियों को कम आंकने का कोई इरादा नहीं था. मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा पेशे में किए गए योगदान पर बात की थी.