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अग्निपथ योजना का लक्ष्य तीनों सेनाओं में युवावस्था और अनुभव का अच्छा मिश्रण लाना: डीएमए

नई दिल्ली, नवसत्ता: अग्निपथ योजना को लेकर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पूरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समीक्षा बैठक के बारे में जानकारी दी. लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी क्षमता का निर्माण करने के लिए पहले साल 46,000 भर्तियों से छोटी शुरुआत की है. निकट भविष्य में हमारी अग्निवर की संख्या 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी.

देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले अग्निवर को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. उनके लिए अलग से किसी बैरक या ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था नहीं की जा रही है. अग्निवीर भी नियमित सैनिकों के बराबर की सुविधाएं पाएंगे. पहले से मौजूद आधारभूत ढांचा का लाभ उठाएंगे. विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा अग्निवीरोंÓ के लिए आरक्षण की घोषणा पूर्व नियोजित थी. यह योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी, तोडफ़ोड़ और हिंसा की प्रतिक्रिया में नहीं किया गया है.

लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे. अग्निवर को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में तैनाती पर वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में अग्निवीरों के लिए कोई भेदभाव नहीं होगा. अगले 4-5 वर्षों में, हम 50-60,000 तक भर्तियां करेंगे और बाद में यह बढ़कर 90,000 से 100000 हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था. हम इस सुधार के साथ देश की तीनों सेनाओं में युवावस्था और अनुभव का अच्छा मिश्रण लाना चाहते हैं. आज बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के दशक में हैं और अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है. सेनाओं की औसम उम्र कम करना हमारी प्राथमिकता है. हम चाहते हैं कि भारत की तीनों सेनाओं में होश और जोश का अच्छा मिश्रण हो.

अग्निपथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों में सिर्फ 4 साल के लिए जवानों की भर्ती होगी. भर्ती होने वाले युवाओं को 6 से 9 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। 4 साल बाद भर्ती जवानों में बेहतर काम करने वाले 20 फीसदी को आगे भी रखा जा सकता है. बाकी रिटायर जवानों को एकमुश्त 11 से 15 लाख की रकम मिलेगी. रिटायर होने पर कोई पेंशन देय नहीं होगी. देश के लिए शहीद होने पर पहले के मुताबिक सरकार से परिवार को मिलने वाली सुविधाएं मिलेंगी. 4 साल बाद रिटायर होने पर सेना इन पूर्व सैनिकों को अन्य जगह नौकरी दिलाने में मदद भी करेगी. इसके लिए सेना ने तमाम निजी कंपनियों से बात भी की है.

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