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यूपी में राज्यसभा की 11वीं सीट पर होगा भाजपा-सपा के बीच मुकाबला

पहली बार पवैलियन से राजनैतिक दांवपेंच का मैच देखेंगे बसपा व कांग्रेस

संवाददाता

लखनऊ,नवसत्ता: चुनाव आयोग द्वारा देशभर की 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनावों की घोषणा के साथ ही यूपी की 11 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर चुनावी बिसात बिछ गई है। वोटों की गणित के हिसाब से मुकाबला केवल भाजपा व सपा के बीच होगा। इस चुनाव में सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस और बसपा की है क्योंकि विधानसभा चुनाव में इनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। बसपा को एक और कांग्रेस को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था। ऐसे में दोनों दल केवल दर्शक दीर्घा में रहेंगे।

विधानसभा चुनाव के बाद 403 विधायकों वाली यूपी विधानसभा में सत्ताधारी भाजपा गठबंधन के पास कुल मिलाकर 273 विधायक हैं। वहीं समाजवादी पार्टी गठबंधन के खाते में कुल 125 विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पास 2, बसपा के पास एक और राजा भैया की जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के पास 2 विधायक हैं।
यूपी में राज्यसभा की एक सीट पर जीत के लिए 37 विधायकों का वोट जरूरी है। ऐसे में 11 में से 7 सीटों पर बीजेपी की जीत तय है। वहीं सपा गठबंधन भी 3 सीटें जीत लेगी। आखिरी एक सीट के लिए गुणा-गणित तेज होगा। अपने कोटे की जीत के बाद बीजेपी और सपा दोनों ही गठबंधन के पास 14-14 अतिरिक्त विधायक बचेंगे।

बाकी दलों का साथ, सेंधमारी, क्रॉसवोटिंग के खेल में जो आगे रहेगा, वह 11वीं सीट जीतेगा। यह चुनाव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के राजनैतिक कौशल का भी इम्तहान लेगा। सपा विधायक शिवपाल यादव,आजम खां और उनके समर्थक विधायक सपा नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। इन नाराज विधायकों को एकजुट रखना और राज्यसभा जाने की मंशा रखने वाले पार्टी नेताओं को भी पार्टी में बनाए रखना अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी चुनौती है।

अखिलेश यादव की दूसरी चुनौती राज्यसभा जाने की मंशा रखने वाले नेताओं की बड़ी संख्या है। अखिलेश यादव की जिन तीन सीटों में जीत होनी है, उनमें एक सीट वह अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया जयंत चैधरी को देंगे। रालोद सपा का गठबंधन काफी समय से चला आ रहा है। इसके अलावा यूपी के मुख्य सचिव रह चुके पूर्व नौकरशाह आलोक रंजन को अखिलेश यादव प्रत्याशी बनाना चाहते हैं। आलोक रंजन ने इस बार के विधानसभा चुनाव में सपा का घोषणा पत्र तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

तीसरी सीट पर महाराष्ट्र से सपा नेता अबू आसिम आजमी को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है। इसके अलावा सपा के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर भी अपने बेटे को राज्यसभा भेजने की मंशा रखते हैं। अखिलेश यादव के एक नजदीकी नेता के अनुसार आजम खान भी अपने के हितैषी के लिए टिकट चाहते हैं। इनके अलावा भी सपा के कई नेता राज्यसभा के लिए अपनी दावेदारी जता रहे हैं। सपा और उसके सहयोगी दल रालोद व सुभासपा के विधायकों की तादाद 125 है। इनके बूते वह चार सीट निकाल सकती है। परन्तु सपा के जो हालत वर्तमान में है, उसमें अखिलेश यादव यह लक्ष्य हासिल कर पाएंगे इसे लेकर सपा नेता अभी कोई दावा नहीं कर रहे हैं।

10 जून को राज्यसभा सीटों के लिए होगा मतदान
11 राज्यों में राज्यसभा की 57 खाली सीटों पर 10 जून को चुनाव होंगे। निर्वाचन पद्धति के जरिए किया जाता है। हर राज्य और दो केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को वहां के विधायक और केंद्रशासित प्रदेश के इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य मिलकर चुनते हैं। राज्यसभा चुनाव प्रपोशनल रीप्रजेंटेशन सिस्टम के हिसाब से होता है जिसमें सिंगल वोट ट्रांसफरेबल होता है।

 

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