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दिल्ली दंगा मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली,नवसत्ता: उमर खालिद को दिल्ली की अदालत से फिर झटका लगा है. दिल्ली दंगा मामले के आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका को दिल्ली के कड़कडड़ूमा कोर्ट को खारिज कर दी है. कोर्ट ने जमानत याचिक को खारिज करते हुए कहा कि अभी आरोपी को जमानत देने का कोई आधार नहीं है. उमर खालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं फिलहाल वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

उमर खालिद पर दिल्ली दंगों के चलते गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है. 17 फरवरी को उमर खालिद को कड़कडूमा अदालत में हथकड़ी में पेश किया गया था, जिसके बाद काफी विरोध हुआ था. इस पर हाल ही में अदालत ने एक आदेश दिया था जिसके बाद उमर खालिद को अदालत में बिना हथकड़ी के पेश करने को कहा गया था.

दिल्ली पुलिस के दावे

दिल्ली पुलिस ने अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ये दावा किया था कि जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने महाराष्ट्र के अमरावती में आयोजित एक सीएए विरोधी रैली में भाषण दिया था, ऐसा करके खालिद ने लोगों को उकसाया था. उमर खालिद को कई दूसरे अभियुक्तों के साथ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए यानी गैर-कानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था.
खालिद के खिलाफ़ 124-ए (देशद्रोह), 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और 465 (जालसाजी) सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने कई अहम सबूत पाए जाने का दावा भी किया है.

ऐसे चर्चा में आए उमर खालिद

उमर ख़ालिद का नाम पहली बार जेएनयू के छात्र नेता रहे कन्हैया कुमार के साथ फरवरी 2016 में सुर्खियों में आया था. लेकिन तब से कई मामलों में और अपने कुछ बयानों की वजह से खालिद लगातार सुर्खिय़ों में रहे हैं. खासकर मोदी सरकार की मुखर आलोचना करने के कारण उमर ख़ालिद दक्षिणपंथी रुझान रखने वाले लोगों के निशाने पर रहे हैं.

इससे पहले फऱवरी 2016 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फाँसी की बरसी पर आयोजित हुआ कार्यक्रम उमर खालिद को काफी महंगा पड़ा था. आरोप लगे कि इस कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे.

आरोप था कि कथित नारे लगानेवालों में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और छह अन्य छात्रों में उमर खालिद भी शामिल थे. इसके बाद उमर खालिद पर राजद्रोह का केस लगा. वे पुलिस रिमांड पर रहे और कुछ वक्त बाद उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई.

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