नई दिल्ली,नवसत्ता: अन्य देशों के नक्शेकदम पर चलते हुए अब भारत ने भी अपने नागरिकों से अस्थायी तौर पर यूक्रेन छोड़ने को कहा है. राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के मंडराते खतरे के बीच, वहां स्थित भारतीय छात्रों, विशेषकर उन छात्रों को, जिनका रहना आवश्यक नहीं है, स्वदेश लौटने को कहा है. जो लोग यूक्रेन में रूके रहेंगे उन्हें दूतावास के संपर्क में रहना होगा.
इससे पहले कई देश अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दे चुके हैं. इनमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देश भी शामिल हैं. फ्रांस ने भी अपने नागरिकों से यूक्रेन जाने से बचने को कहा है.
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आंशका
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले कई दिनों से तनातनी बनी हुई है और दोनों के बीच युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिव दावा करते हुए कहा कि कल रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला किया जा सकता है. तो वहीं अमेरिका की ओर से भी बिना किसी चेतावनी के रूस की ओर से हमला किए जाने की आशंका जताई है.
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है विवाद?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन से बढ़ती नजदीकियां हैं.
दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और नाटो में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है. रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो नाटो के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे.
रूस क्या चाहता है?
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से कानूनी गारंटी मांगी है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं कराया जाएगा. उन्होंने पूर्वी यूरोप में नाटो की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की है.
अमेरिका ने दी चेतावनी
अमेरिका ने रूस को कई बार चेताया है कि अगर उसने आक्रमण किया तो उस पर गंभीर प्रतिबंध लगाए जाएंगे और नाटो में भी बदलाव हो सकता है. राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने की स्थिति में ”गंभीर परिणाम” भुगतने की चेतावनी दी है और इस मुद्दे के कूटनीतिक समाधान पर जोर दिया है.
शांति प्रयासों में जुटे जर्मन चांसलर
इसी बीच जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स रूसी हमले के बढ़ते डर के बीच यूक्रेन पहुंचे हैं. उनके यूक्रेन से मास्को जाने की योजना है, जहां वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस मामले में पीछे हटने के लिए समझाने का प्रयास करेंगे.