Navsatta
खास खबरमुख्य समाचारराजनीति

सपा विधायक बैलगाड़ी से तो कांग्रेसी रिक्शे से पहुंचे विधानसभा

शोक प्रस्ताव के बाद मानसून सत्र कल तक के लिए स्थगित

लखनऊ,नवसत्ताः यूपी में आज विधानमंडल का मानसून सत्र शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद बुधवार 11 बजे तक स्थगित हो गया। सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष ने अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन किया। सपा विधायक जहां बैलगाड़ी पर गन्ना लेकर पहुंचे थे। वहीं कुछ विधायकों ने हाथों में सिलेंडर के कटआउट और चेहरे पर मास्क लगा रखा था। कांग्रेसी नेता रिक्शा और ठेला लेकर विधानसभा पहुंचे।

कांग्रेस ने भी आज सरकार को घेरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। पार्टी एमएलसी दीपक सिंह तो महंगाई और सरकार के भ्रष्टाचार के विरोध में रिक्शा चलाकर विधानसभा पहुंचे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और अन्य विधायक गले में सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में गले में तख्ती टांग कर विधानसभा पहुंचे।

 

सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, सरकार प्रदेश के विकास, किसान और गरीबों, महिलाओं, युवाओं के लिए बनाई गई योजनाओं और इनसे जुड़े हुए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सदन में तैयार हैं। यूपी देश का पहला राज्य है, जिसने 7 करोड़ कोरोना टेस्ट पूरे कर लिए हैं। 6 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने वाला भी यूपी पहला राज्य है। जनता से जुड़े इन मुद्दों पर चर्चा के लिए ही मानसून सत्र बुलाया गया है।

राष्ट्रगान के बाद मुख्यमंत्री योगी ने सत्र की शुरुआत में शोक प्रस्ताव रखा। उन्होंने राज्यमंत्री रहे विजय कुमार कश्यप, सुरेश श्रीवास्तव, रमेश चंद्र दिवाकर, केसर सिंह, दल बहादुर, देवेंद्र प्रताप सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सपा विधानमंडल दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने शोक प्रस्ताव पढ़ा।

इस सत्र में सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे कई अहम बिल पास कराने की कोशिश में है। चुनावी साल होने के नाते सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी। सत्र के पहले दिन विधान परिषद व विधानसभा के सदस्यों के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित कर सदन स्थगित कर दिया जाएगा। लेकिन कानून व्यवस्था, महंगाई, महिला सुरक्षा, किसान, बेरोजगारी आदि मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

जब सदन के बाहर भी टकराव हो जाए, सपा विधायक राजेश यादव का आईना लाना सार्थक हो गया

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले का यह अंतिम सत्र है। योगी सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी अनुपूरक बजट में सरकारी कर्मचारियों की मानदेय बढ़ाए जाने समेत 5 चुनावी प्रमुख प्रस्ताव को पेश कर सकती है। 24 अगस्त तक चलने वाले कुल 7 दिन के इस सत्र में 4 दिन अवकाश रहेगा। यानी सिर्फ 3 दिन ही विधान भवन में चर्चा होगी।

संबंधित पोस्ट

सहारनपुर में आज रात से कोरोना कर्फ्यू

navsatta

शहीद भगतसिंह से सिसोदिया की तुलना निंदनीय : कांग्रेस

navsatta

संदिग्ध परिस्थितियों में खलिहान में लगी आग, लाखों रुपए का धान जलकर राख

navsatta

Leave a Comment