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Doctor's Day Specialखास खबर

डॉक्टर्स डे विशेष:जानिए अपने डॉक्टर के अनसुने किस्से,मिलिए ऊंचाहार सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर एम के शर्मा से

राकेश कुमार

एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान सहपाठियों के साथ हम कहीं घूमने निकले थे।वहां एक भद्र पुरुष ने जो बात कही वह आज भी कानों में गूंजती है।उन्होंने कहा था,यह प्रोफेशन संघर्षों से भरा है।जीवन भर आराम नहीं।पहले प्रवेश के लिए संघर्ष,फिर मेडिकल पढ़ाई के दौरान दिन रात मेहनत और पढ़ाई पूरी करने के बाद जीवन भर मरीज़ को बचाने का संघर्ष।हमें लगता था एक बार पढ़ाई पूरी हुई फिर आराम ही आराम,लेकिन मैं ग़लत था।वह अंजान व्यक्ति सही थे…..

रायबरेली,नवसत्ता:आगामी डॉक्टर्स डे से पहले हमारी इस विशेष सीरीज़ के तहत आज आपको मिलवाते हैं ऊंचाहार सीएचसी के अधीक्षक डॉक्टर एम के शर्मा से।डॉक्टर शर्मा ने मेडिकल प्रोफेशन में आने से लेकर अब तक के कई ऐसे किस्से साझा किए जो उनके पेशे से जुड़ी धरोहर हैं।डॉक्टर शर्मा की ऐसी मीठी यादें जिन्हें आप भी सुनना चाहेंगे।
डॉक्टर एम के शर्मा ने बताया,मेडिकल प्रोफेशन में आने के लिए मेरी मां का बड़ा योगदान रहा है। वह मुझे प्रोत्साहित करती रहती थीं। कहती थीं, मेरा बेटा डॉक्टर ही बनेगा।माता-पिता के आशीर्वाद से आज मै इस मुकाम पर पहुंचा हूं। डॉक्टर ने बताया इस प्रोफेशन में आने के लिए मैंने तीन बार मेडिकल की प्रवेश परीक्षा दी। पहली परीक्षा में मैंने बीएएमएस और दूसरी में बीएचएमएस क्लियर किया था।तीसरे राउंड में मेरा एमबीबीएस के लिए सिलेक्शन हुआ तो ऐसा लगा मानो मंज़िल मिल गई।एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान एक यादगार लम्हे को साझा करते हुए डॉक्टर शर्मा ने बताया,हम मेडिकल कॉलेज के कुछ दोस्तों संग बाहर घूमने निकले थे। घूमते हुए एक नौकरी पेशा भद्र पुरुष से मुलाकात हुई। वह हम लोगों से बातचीत करने लगे। जब उन्हें मालूम हुआ कि हम मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं,तब उस अनुभवी व्यक्ति ने कहा,मेडिकल प्रोफेशन संघर्षों से भरा होता है।इसमे जीवन भर खुद को आराम नहीं मिल पाता है।जीवन पर्यन्त चुनौतियों से जूझना है।उन्होंने कहा,कॉलेज में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी के दौरान संघर्ष।प्रवेश मिलने के एमबीबीएस की कठिन परीक्षा को पास करने का परिश्रम।मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रोफेशनल ज़िन्दगी में हर रोज़ मरीज़ को बचाने का संघर्ष।उस वक्त तक हमें लगता था,पढ़ाई ख़त्म करते ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा।लेकिन उस अनुभवी व्यक्ति की बातें आज भी कानों में गूंजती हैं।धीरे-धीरे लगने लगा कि उन्होनें सच ही कहा था।उनकी वह बात हमेशा के लिए ज़ेहन में घर कर गई।
प्रोफेशनल लाइफ में आने के बाद का एक किस्सा शेयर करते हुए डॉक्टर शर्मा बताते हैं,कि जब मै इस प्रोफेशन में नया ही था तब मुझे ओटी में भेजा गया।यहां एक महिला बहुत ज्यादा परेशान थी।उसको देखने और बीमारी को समझने के लिए भेजा गया।जब मै उस महिला के पास पहुंचा तो महिला मेरा हाथ पकड़ कर रोने लगी।रोते हुए उसने कहा,डॉक्टर साहब मुझे बचा लीजिए।मरीज़ का चेकअप करने के बाद मैंने ईश्वर से प्रार्थना की।मैंने भगवान से अपनी जिंदगी का एक दिन उस महिला को देने के लिए प्रार्थना की। ईश्वर ने हमारी सुन ली।इलाज के दरम्यान हालत में सुधार होने लगा और वह स्वस्थ हो गई।स्वस्थ होने के बाद महिला ने मुझे आशीर्वाद दिया और अपने घर चली गई,और यही हम डॉक्टर्स की सबसे बड़ी कमाई है।
डॉक्टर शर्मा कहते हैं,अब मुझे ऊंचाहार सीएचसी की जिम्मेदारी मिली है।जिसे मैं और हमारे सीएचसी के अन्य सहकर्मी पूरी मेहनत से बेहतर करने का पूरा प्रयास करते हैं।डॉक्टर शर्मा ने कहा,लोगों को अपने स्तर से और भी जो सुविधाएं होंगी उन्हें दिलवाता रहूंगा।मै अपने सभी सहकर्मियों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने कोरोना काल में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर मरीजों की सेवा किया है।

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