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फीडबैक लेकर गए संतोष, आलाकमान को सौंपेंगे रिपोर्ट 

लखनऊ,नवसत्ता: भारतीय जनता पार्टी में संगठन और सरकार में बदलाव के कयासों के बीच पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने यूपी के बीजेपी लीडरों से मुलाकात की और फीडबैक लेकर दिल्ली रवाना हो गए। गये और सुगबुगाहट के लिए सब्जेक्ट छोड़ गए। होगा वही जो वो चाहते होंगे। रिपोर्ट देगे और भविष्य तय होगा। कुछ भी हो लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुलाकात अहम है।

पहली बार ऐसा हुआ जब पार्टी का राष्ट्रीय संगठन के प्रदेश के हर मंत्री-नेता को अलग-अलग बिठाकर आधा-आधा घंटे बात किया है। पार्टी पदाधिकारियों और मंत्रियों के साथ तीन दिन तक वन टू वन  मुलाकातों के दौर के बाद राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष लखनऊ पार्टी दफ्तर से दिल्ली के लिये रवाना हो गए हैं। अनुमान है कि वे पार्टी आलाकमान को यूपी की रिपोर्ट सौंपेंगे। सियासी गलियारों  में चर्चाएं खूब हैं। चर्चा का क्या है होती ही रहती हैं कई बार चर्चा बेमजा भी हो जाती रही हैं। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन को प्रदेश के संगठन के नेतृत्व की रिपोर्ट पर भरोसा है या नहीं।

कुछ तो है, इसीलिए  खुद ही सभी से बातचीत करके मामले की जड़ तक पहुंचना चाहा। सबसे बड़ी वजह यह है कि हाल के दिनों में जिस तरह से पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी की हार हुई है और उसके बाद एक-एक करके कोरोना प्रबंधन और तमाम दूसरे मामलों में पार्टी बैकफुट पर आई है, उससे पार्टी के राष्ट्रीय संगठन को आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार का डर सताने लगा है। सोमवार से शुरू हुआ मेल-मुलाकातों का सिलसिल भी हुई है।कल सुबह बीएल संतोष के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों से मिलने का सिलसिला शुरू हुआ तो सबसे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीएल संतोष से मुलाकात की। मुलाकात के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी के विधानसभा चुनावों में जबर्दस्त जीत दोहराने की बात भी कही।

इसके बाद यूपी के दूसरे उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बीएल संतोष से मुलाकात की और उन्होंने बताया कि कोरोना के आगे प्रबंधन को लेकर के चर्चा हुई। फिर एक-एक करके श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, स्वामी प्रसाद मौर्य, अनिल राजभर, रमापति शास्त्री और दूसरे नेताओं ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद बाहर निकलकर इन सभी ने कोरोना संक्रमण से प्रदेश की जनता को बचाने के लिए पार्टी की तैयारियों और आने वाले चुनाव को लेकर कुछ बातों पर चर्चा की बात कही। सूत्रों की माने तो सवालों के जरिये बीएल संतोष ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के जरिये यूपी की नब्ज टटोली और आगामी चुनाव तो लेकर माहोल को तलाशने की कोशिश की। हर मंत्री से लगभग मिलते-जुलते सवाल पूछे गये। जैसे संगठन कैसा काम कर रहा है? आपके विभाग में क्या चल रहा है? आपका विभाग कैसा काम रहा है? पंचायत चुनाव के नतीजे ऐसे क्यों आये?आप कहां कमी देख रहे हैं? कोरोना मैनेजमेंट में आपने क्या योगदान दिया? इतना कुप्रधंन क्यों रहा?चुनाव के लिए कैसी तैयारी चल रही है?अगर आज चुनाव हो जाएं तो परिणाम क्या होंगे?कोरोना की वजह से जो नकारात्मक मौहाल दिखायी दे रहा है, उसे कैसे ठीक किया जा सकता है? पंचायत चुनाव के नतीजे हैरान करने वाले हैं. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पार्टी की स्थिति बहुत खराब हुई है। ऐसे में अगले 8 महीने बाद होने वाले चुनाव कहीं उलटे ना हो जाएं, इसीलिए पार्टी का राष्ट्रीय संगठन सबसे अलग बात करके यह जानना चाहता है कि आखिर समस्या है कहां?

सूत्र बताते हैं कि आलाकमान को मिली रिपोर्ट बहुत भरोसे लायक नहीं है इसीलिए राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारी को अलग से लोगों का फीडबैक लेने के लिए भेजा गया है। चुनाव से 7 महीने पहले सरकार में कोई विस्तार न किया जाए लेकिन संगठन में फेरबदल की सम्भावना जरूर है। पार्टी सरकार के नेतृत्व में भी बदलाव की उम्मीद नगण्य है। मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ  बड़ा और प्रभावशाली चेहरा है। पार्टी रिस्क नहीं लेगी । बीएल संतोष पार्टी के आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। उसी के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी कि आखिरकार बदलाव कहां और कितने किए जाने हैं? लेकिन यह दौरा मिशन-22 को लेकर पहला कदम अवश्य है।

अटकलों पर विराम,योगी को क्लीन चिट

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। लोग ऑक्सीन, जरूरी दवाओं और अस्पताल में बेड की कमी के चलते अपनो को बचा नहीं पाए। उत्तर प्रदेश में भी कई लोगों ने इन आवश्यक चीजों की कमी की वजह से अपनी जान गंवा दी। उत्तर प्रदेश में भी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हालात बेकाबू हो गए थे, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि अगले साल होने वाले चुनाव से पहले सरकार या पार्टी के संगठन में कुछ बदलाव हो सकता है।

इन तमाम कयास के बीच भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से दो नेताओं ने प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को क्लीन चिट दे दी गई है। योगी सरकार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सफल करार दे दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने ट्वीट करके लिखा, पांच हफ्तों में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने नए कोरोना के मामलों में हर रोज आने वाले मामलों में 93 फीसदी की कमी की है। उत्तर प्रदेश 20 करोड़ से अधिक आबादी वाला राज्य है। योगी आदित्यनाथ ने काफी प्रभावी तरीके से इसपर नियंत्रण पाया। बीएल संतोष का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश की सरकार या फिर प्रदेश भाजपा के संगठन में कुछ फेरबदल हो सकता है।

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