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मोदी सरकार ने रामदेव को लिखा पत्र,कहा-आपके बयान ने कोरोना योद्धाओं का अपमान किया

नई दिल्ली,नवसत्ताः योगगुरु रामदेव द्वारा ऐलोपैथी से लाखों लोगों के मरने के बयान के बाद जिस तरह पूरे देश के चिकित्सकों ने विरोध दर्ज कराया है उससे हरकत में आयी मोदी सरकार ने रामदेव को पत्र लिखकर बयान तत्काल वापस लेने की मांग की है हालांकि उनपर अभी तक महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा रामदेव को कानूनी नोटिस दिये जाने के बाद अब इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने हस्तक्षेप किया है। उन्होंने योगगुरु रामदेव को इस मामले पर पत्र लिखकर कहा है कि वे अपना आपत्तिजनक बयान वापस लें। डॉक्टर हर्षवर्धन ने योगगुरु रामदेव को लिखी गई दो पेज की चिट्ठी में साफ तौर पर कहा है कि-’ संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। ऐसे में बाबा रामदेव जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है।’

स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि मामले पर जो स्पष्टीकरण शनिवार को जारी किया गया था, वह लोगों की चोटिल भावनाओं पर मरहम लगाने में नाकाफी है। उन्होंने रामदेव के बयान का जिक्र करते हुए लिखा है कि – ’आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीज़ों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना महामारी के खिलाफ यह लड़ाई सामूहिक प्रयासों से ही जीती जा सकती है।’ उन्होंने ये भी याद दिलाया कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में भारत सहित पूरे विश्व के असंख्य डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जान न्यौछावर की है।
चिट्ठी के अंत में स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा है कि पतंजलि के स्पष्टीकरण में सिर्फ इतना कहना कि आपकी मंशा मॉडर्न साइंस और अच्छे डॉक्टरों के खिलाफ नहीं है। ये पर्याप्त नहीं है। उन्होंने लिखा है कि वे आशा करते हैं कि – ’आप गंभीरतापूर्वक इस पर विचार करते हुए और कोरोना योद्धाओं की भावना का सम्मान करते हुए अपने आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण वक्तव्य को पूर्ण रूप से वापस लेंगे।’ हालांकि अभी तक रामदेव के खिलाफ इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

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