Navsatta
चर्चा में

चीन के पड़ोसी ताइवान ने कैसे दी कोविड-19 को मात, कहानी आपको करेगी हैरान

चीन से महज 110 मील की दूरी पर है ताइवान। यहां पहला केस जनवरी के अंत में आया था। हालांकि इससे एक माह पहले कोरोना वायरस चीन में दस्तक दे चुका था। चीन में अब तक 81 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के केस सामने आए हैं। वहीं चीन से सटे ताइवान में अभी तक कोरोना के मात्र 235 केस रिपोर्ट हुए हैं। ताइवान, कोरोना पर काबू पाने में कामयाब हुआ, इसकी एक प्रमुख वजह समय से पहले ही सचेत हो जाना रहा है। चीन के मुकाबले ताइवान के पास संसाधन कम थे, लेकिन उसने अपने मौजूदा संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर कोरोना वायरस के संक्रमण को काफी हद तक आगे बढ़ने से रोक दिया। ताइवान स्थित सेंट्रल एपिडेमिक कमांड सेंटर ने वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक ठोस योजना पर काम शुरू कर कोरोना को अपने देश में एक महामारी का रूप धारण करने से रोक दिया। कमांड सेंटर ने दिसंबर से ही ताइवान आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। खास बात है कि उस वक्त तक ताइवान में कोरोना का एक भी केस कंफर्म नहीं हुआ था। उसी वक्त कमांड सेंटर और स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेस मास्क और एवं दूसरी वस्तुओं का निर्माण शुरू कर दिया। किसी दूसरे देश से ताइवान में आने वाले सभी लोगों के लिए दो सप्ताह का क्वारंटीन में जाना अनिवार्य कर दिया गया। सुरक्षा बलों ने बनाए मास्क और सैनिटाइजर जैसे ही चीन में कोरोना फैला, तो ताइवान ने उसे अपने यहां आने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया। दूसरे देशों में सुरक्षा बलों को लॉकडाउन और शटडाउन को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन ताइवान ने अपने सिपाहियों को उन फैक्ट्रियों में लगा दिया, जहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न चिकित्सा उपकरण जैसे मास्क, टेस्ट, सैनिटाइजर और दूसरी वस्तुएं बनाई जा रही थीं। यहां बता दें कि ताइवान के सुरक्षा बल भी इतने कार्यकुशल थे कि उन्होंने पूर्ण रूप से अपनी जिम्मेदारी निभाई। इससे उन्हें तो मास्क आदि तो मिले ही, इसके अलावा आम लोगों को भी मास्क आसानी से उपलब्ध करा दिया। टोबेको एंड लिकर कॉरपोरेशन ने कोरोना से बचाव के लिए 75 फीसदी अल्कोहल सैनिटाइजेशन के लिए उत्पादित किया। ताइवान में डिजिटल थर्मामीटर, मास्क और वेंटिलेटर आदि के निर्यात पर 04 मार्च से 31 मार्च तक बैन लगा दिया। आबादी दो करोड़, केस 235 बता दें कि ताइवान के उपराष्ट्रपति महामारी रोकने के विशेषज्ञ बताए जाते हैं। ताइवान की जनसंख्या दो करोड़ से ज्यादा है। वहां अब तक कोरोना के 235 केस सामने आए हैं। स्पेन की जनसंख्या चार करोड़ है और वहां कोरोना संक्रमण के 42,058 मामले सामने आ चुके हैं। फ्रांस की आबादी ताइवान से केवल तीन गुना अधिक है, जबकि वहां कोरोना के केस ताइवान के मुकाबले 110 गुना ज्यादा हैं। यानी 22 हजार से अधिक केस आए हैं। इटली में अभी तक 69 हजार से ज्यादा केस हो चुके हैं, जबकि वहां की आबादी फ्रांस जितनी है। ताइवान में 6 फरवरी तक 20 केस सामने आए। उसी वक्त वहां चीन और हांगकांग सहित कई देशों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया। ताइवान में 2003 में सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और 2009 में स्वाइन फ्लू आया था। इससे वहां के लोगों ने बहुत कुछ सीखा। किसी भी महामारी की आहट पर कैसे काम किया जाता है, ताइवान की वह सीख अब कोरोना से लड़ाई में काम आ रही है।

संबंधित पोस्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा जरूरत हो तो लॉकडाउन लगा दें

navsatta

कान्हा के ब्रज के कायाकल्प के लिए खर्च होंगे 16000 करोड़

navsatta

प्रदूषण पर केंद्र और दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी- 24 घंटे में उठाएं कदम वरना कोर्ट देगा आदेश

navsatta

Leave a Comment