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बनारस के मल्लाहों ने कहा- सरकार काम करना चाहती है तो गंगा की सफाई पर फोकस करे

बनारस में 40 हजार मांझी परिवार है. काशी के 84 घाटों में से कई घाटों पर नाव चलाकर महल्लाह के परिवार वालों का पेट चलता है. अगर बनारस की राजनीति समझनी है तो इन मुद्दों को भी समझना जरूरी है. मैंने कई मल्लाहों से बात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान काशी के कई घाटों से नाव बुक कर लिये गये. दशाश्वमेघ घाट पर पीएम मोदी गंगा आरती कर रहे थे उस दौरान रोड शो में शामिल लोग भी गंगा आरती का आनंद ले सकें इसलिए पार्टी ने निशुल्क वहां तक पहुंचने की व्यवस्था कर रखी थी. मणिकर्णाका घाट पर मेरी मुलाकात दिनकर मल्लाह से हुई. दिनकर कहते हैं कि हम पीढ़ियों से नांव चला रहा है यही हमारी रोजी रोटी है लेकिन जैसे खेत बंटते-बंटते कम हो जाते हैं वैसे ही नांव चलाने वाले मल्लाहों की संख्या बढ़ी पहले मणिकर्णका से दशाश्वमेघ घाट जाने के के लिए 100 रुपये लेते थे आज भी लेते हैं लेकिन ग्राहक कम है और नांव ज्यादा तो लोग कम कीमत पर भी चले जाते हैं. उमेश युवा हैं और पढ़ाई से वक्त मिलता है तो नाव चलाते हैं, कहते हैं सरकार ने बड़े जहाज और क्रुज चलाकर हमारे रोजगार पर संकट पैदा कर दिया था. अस्सी घाट से चलने वाले इन बड़े नाव का हमने विरोध किया तो उसे यहां से चलने से रोक पायें हैं. मल्लाहों ने पीएम को भेजे पत्र में लिखा कि आप जब से वाराणसी के सांसद व देश के प्रधानमंत्री बने हैं तथा अस्सी घाट पर हमारे सामाजिक भाई वीरेंद्र माझी के नाव से गंगा में नौकायन भी किया. उसी समय से आप हमारे नौकायन पेशा पर अपनी नजर गड़ाए बैठे हैं. 2014 में जब से आपकी सरकार बनी है, तब से मां गंगा के पुत्रों की रोजी रोटी छीनने का काम गंगा में क्रूज चलाकर किया जा रहा है. यह अतिक्रमण है. ये हम नाविकों की रोजी रोटी छीनने की साजिश है. संकट आया तो 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल वाराणसी ही नहीं वरन् भारत के समस्त निषाद, बिंद, कश्यप, मल्लाह, मछुआरा आदि मिल कर देश भर में भ्रमण कर लोगों को यह बताएंगे कि बनारस के सांसद व देश के प्रधानमंत्री ने काशी के 40 हजार मल्लाहों की रोजी रोटी अपने चहेते पूंजीपतियों के साथ मिल कर छीन ली. अनादि काल से रहने वाले नाविकों को उजाड़ दिया. मल्लाहों ने सरकार के इस फैसले के विरोध में 9 दिनों तक वोट बंद कर दिया था. अस्सी घाट पर नया बोट बनाकर तैयार कर रहे दिनेश कहते हैं, मोदी जी के आने से रोजगार तो बढ़ा है. आप पायेंगे कि हर घाट पर वोट बन रहा है. अस्सी घाट को पीएम मोदी ने पहचान दे दी है. हम बस इतना चाहते हैं कि सरकार हमें काम करने दें. हां सरकार काम करना चाहती है तो गंगा की सफाई पर काम करे.

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