लखनऊ,नवसत्ताः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्ट यूपी के सीईओ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एक उद्यमी की शिकायत के बाद की गई है, जिसमें इन्वेस्ट यूपी में रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए थे।
मामले की जानकारी
आरोप है कि एक उद्यमी ने सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए इन्वेस्ट यूपी में आवेदन किया था। इसके बाद एक बिचौलिए ने उद्यमी से कमीशन मांगा। जब उद्यमी ने इसकी शिकायत पुलिस से की, तो मामले को गंभीरता से लेते हुए एसटीएफ को सौंपा गया। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया और बिचौलिए को गिरफ्तार कर लिया गया।
अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में औद्योगिक विकास विभाग के सचिव तथा इन्वेस्ट यूपी के सीईओ के पद पर तैनात थे। वे लंबे समय तक लखनऊ के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं।
पुराने मामले में भी आरोप
इससे पहले लखनऊ डिफेंस एक्सपो जमीन घोटाले में भी अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों के आरोप लगे थे। यह मामला लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ा था। जांच में पाया गया कि करीब 90 पट्टे फर्जी थे और इनके जरिए मोटी रकम का मुआवजा उठाया गया था।
राजस्व परिषद के चेयरमैन रजनीश दुबे ने इस मामले में जांच की थी, जिसमें तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश, एडीएम अमरपाल, एसडीएम, कानूनगो और लेखपाल समेत कई अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था।
सरकार की कार्रवाई
योगी सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा और ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को संरक्षण दिया जाएगा।
अभिषेक प्रकाश का करियर
अभिषेक प्रकाश ने लखनऊ के जिलाधिकारी के रूप में लंबा समय बिताया है और एलडीए के वीसी के पद पर भी कार्यरत रहे हैं। उन्हें सरकार के खास अधिकारियों में से एक माना जाता था, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनकी छवि को धूमिल कर दिया है।
यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति को दर्शाता है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं है और भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।