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प्रयागराज से रैम्प तक: हेमा वाधवानी की चमकती उड़ान

“सपनों को पंख दो, उड़ान अपने आप ऊँची हो जाएगी” – हेमा वाधवानी

संवाददाता
 नवसत्ता : संगम नगरी प्रयागराज की पहचान अब केवल इतिहास, साहित्य और कुंभ मेले तक सीमित नहीं रही। आज यहाँ की प्रतिभाएँ ग्लैमर की दुनिया में भी अपनी छाप छोड़ रही हैं। इन्हीं में से एक नाम है हेमा वाधवानी, जिन्होंने जयपुर में एक प्रतिष्ठित ब्यूटी पेजेंट जीतकर मॉडलिंग इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई। आत्मविश्वास और मेहनत के सहारे हेमा ने यह साबित किया कि छोटे शहरों से बड़े सपनों की उड़ान पूरी तरह संभव है।

विशेष साक्षात्कार

प्रश्न 1: आपका मॉडलिंग करियर कैसे शुरू हुआ?
हेमा: बचपन से ही मॉडलिंग और एक्टिंग का शौक था। जब भी मौका मिला, खुद को आज़माया और जीत हासिल की। यही जुनून मेरे करियर की नींव बना।

प्रश्न 2: प्रयागराज से ग्लैमर की दुनिया में पहचान बनाना कितना चुनौतीपूर्ण रहा?
हेमा: मेरे लिए यह कभी चुनौती नहीं रहा। सपने बड़े हों तो उड़ान कितनी भी ऊँची हो, कोई फ़र्क नहीं पड़ता।

प्रश्न 3: सबसे यादगार रैम्प वॉक?
हेमा: जयपुर में हुए ब्यूटी पेजेंट का रैम्प वॉक मेरी जिंदगी का सबसे यादगार अनुभव रहा, क्योंकि इसी के बाद मैं विजेता बनी।

प्रश्न 4: शुरुआती संघर्ष और परिवार/समाज की प्रतिक्रिया?
हेमा: 10 साल पहले मॉडलिंग को अच्छी नज़रों से नहीं देखा जाता था। समाज और परिवार के नकारात्मक विचारों का सामना करना पड़ा।

प्रश्न 5: फिटनेस और स्किन केयर रूटीन?
हेमा: योग, एक्युप्रेशर और संतुलित डाइट फॉलो करती हूँ। स्किन ग्लो के लिए खूब पानी और फल मेरी दिनचर्या का हिस्सा हैं।

प्रश्न 6: मॉडलिंग के अलावा रुचियाँ?
हेमा: मैं डाइटिशियन और सॉन्ग राइटर हूँ। फुर्सत के पलों में गाना गाना और दोस्तों के साथ आउटिंग करना पसंद है।

प्रश्न 7: आज के युवा मॉडल्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती?
हेमा: फोकस बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। असफलता सफलता का स्वाद और गहरा कर देती है।

प्रश्न 8: किसी इंटरनेशनल मॉडल से प्रभावित हैं?
हेमा: Adriana Lima मेरी पसंदीदा इंटरनेशनल ब्राज़ीलियन मॉडल हैं। उनमें beauty with brain दोनों हैं, जो मुझे बहुत प्रेरित करता है।

प्रश्न 9: भविष्य की योजनाएँ?
हेमा: मैं अभिनय और फैशन डिजाइनिंग दोनों क्षेत्रों में काम करना चाहती हूँ।

प्रश्न 10: छोटे शहरों की लड़कियों के लिए आपका संदेश?
हेमा: मैं कहना चाहूंगी कि किसी अच्छे मॉडल के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग लें, आत्मविश्वास बनाए रखें और कभी उम्मीद न छोड़ें। मॉडलिंग में बहुत स्कोप है और टैलेंट के साथ इंटेलिजेंस हो, तो आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।


सपनों को पंख दो, उड़ान अपने आप ऊँची हो जाएगी।
हेमा वाधवानी का सफर इस बात का प्रमाण है कि सपनों को साकार करने के लिए केवल हिम्मत और मेहनत की ज़रूरत होती है। प्रयागराज से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली हेमा उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं, जो छोटे शहरों से बड़े सपनों को साकार करने का साहस रखती हैं।

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