नई दिल्ली,नवसत्ता: सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी एवं पीजी में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण की अनुमति देने के मामले में अपना विस्तृत आदेश जारी कर दिया है. जिसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पीजी और यूजी ऑल इंडिया कोटा, एक्यूआई में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण संवैधानिक रूप से मान्य है. सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाएं आर्थिक सामाजिक लाभ को नहीं दर्शाती हैं, जो कि केवल कुछ वर्गों को ही अर्जित होता है.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि मेरिट के साथ आरक्षण भी दिया जा सकता है, यह विरोधाभासी नहीं है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा आरक्षण और मेरिट एक दूसरे के विपरीत नहीं है, सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी है. बता दें कि हाल ही में कोर्ट ने मौजूदा सत्र के लिए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में आठ लाख सालाना आय का पैमाना बरकरार रखते हुए काउसंलिंग की अनुमति दी है. ईडब्ल्यूएस कोटा पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के बाद केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस से मामले की सुनवाई जल्द करने की मांग की थी.
बता दें कि एक्यूआई सीटों के लिए नीट पीजी काउंसलिंग चल रही है. जबकि राउंड 1 के खिलाफ पंजीकरण और विकल्प भरना समाप्त हो गया है, एनईईटी पीजी काउंसलिंग राउंड 1 का रिजल्ट घोषित किया जाना बाकी है, 22 जनवरी को घोषित किया जाना है. नीट पीजी परीक्षा 11 सितंबर, 2021 को हुई थी. उससे पहले जनवरी और अप्रैल में दो बार परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किया गया था. पूरे देश में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द करने की मांग करते हुए पिछले महीने प्रदर्शन किया था और काम का बहिष्कार किया था.
काउंसलिंग में आरक्षण के नियम
नीट पीजी 2021 काउंसलिंग में एससी को 15 फीसदी सीट्स, एसटी के लिए 7.5 फीसदी, ओबीसी (एनसीएल) के लिए 27 फीसदी (सेंट्रल ओबीसी लिस्ट के अनुसार), ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण, दिव्यांग वर्ग के लिए 5 फीसदी हॉरिजंटल रिजर्वेशन होगा. अंतर यह है कि पहले ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण सिर्फ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ में थे, लेकिन इस बार इन्हें स्टेट सीट्स पर भी लागू किया जा रहा है.