तेहरान,नवसत्ताः ईरान और इजराइल के बीच दो सप्ताह तक चले भीषण संघर्ष में भले ही युद्धविराम हो गया हो, लेकिन तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस टकराव में इजराइल का खुलकर समर्थन करने वाले अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम गिराए थे। अब ईरान इन हमलों से हुए नुकसान के लिए वॉशिंगटन से मुआवजा वसूलने की तैयारी कर रहा है।
ईरान ने माना भारी नुकसान, मांगेगा भरपाई
ईरान के उप विदेश मंत्री सईद खतीबजादेह ने लेबनानी चैनल अल-मयादीन से बातचीत में बताया कि तेहरान संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज करेगा और परमाणु ठिकानों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग करेगा। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि देश के परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, यह टकराव इजराइली मिसाइल हमलों से शुरू हुआ था, जिसमें ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य ठिकाने सीधे निशाने पर थे।
अमेरिका का दावा फोर्दो पूरी तरह तबाह
दूसरी ओर, अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गैबार्ड ने दावा किया है कि ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकाने नतांज, फोर्डो और इस्फहान पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर ईरान चाहे भी तो इन्हें दोबारा तैयार करने में कई साल लग जाएंगे। इजराइल की परमाणु ऊर्जा आयोग ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि फोर्दो ठिकाने को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता हुसैन केर्मनपौर के मुताबिक, इस संघर्ष में 627 लोगों की मौत हुई है और 4870 लोग घायल हुए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा जानें राजधानी तेहरान में गई हैं।
क्या वाकई थमा है संघर्ष?
गोलीबारी भले ही रुक गई हो, लेकिन क्षेत्र में हालात सामान्य नहीं हुए हैं। अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इजराइल और ईरान के बीच दुश्मनी फिर से भड़क सकती है। ईरान जहां मुआवजे के लिए कानूनी कार्रवाई की तैयारी में है, वहीं अमेरिका और इजराइल इन हमलों को अपनी जीत के तौर पर देख रहे हैं। इस स्थिति में, मध्य पूर्व में भविष्य का भू-राजनीतिक परिदृश्य काफी अनिश्चित बना हुआ है।