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अब केमिकल से आम पकाए तो खैर नहीं: FSSAI के निर्देश पर देशभर में सख्त अभियान शुरू

संवाददाता

 नई दिल्ली,नवसत्ता: अब बाजार में बिकने वाले आम और दूसरे फलों को कृत्रिम रूप से केमिकल से पकाना भारी पड़ेगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे फलों को पकाने में अवैध केमिकल्स और नकली कोटिंग्स के प्रयोग पर नजर रखें और इसके खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाएं।

कैल्शियम कार्बाइड से सावधान!

एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि आम, केला और सेब जैसे फलों को जल्दी पकाने के लिए जिस कैल्शियम कार्बाइड (लोकभाषा में “मसाला”) का प्रयोग होता है, वह पूरी तरह प्रतिबंधित है। यह केमिकल न केवल स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है, बल्कि इसके सेवन से मुंह के छालेपेट की जलनगैस्ट्रिक परेशानियां, यहां तक कि कैंसर तक का खतरा हो सकता है।

जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा

FSSAI ने सभी मंडियों, गोदामों, थोक फल विक्रेताओं और स्टोरेज यूनिट्स की कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं। अगर किसी स्थान पर कैल्शियम कार्बाइड या अन्य प्रतिबंधित रसायन पाए जाते हैं, तो उसे सबूत मानते हुए संबंधित फल व्यापारी के खिलाफ FSS Act 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एथिफॉन के गलत इस्तेमाल पर भी रोक

FSSAI ने यह भी नोट किया है कि कुछ विक्रेता केले और अन्य फलों को एथिफॉन नामक केमिकल में डुबोकर पकाने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूरी तरह अवैध है। नियमों के मुताबिक, एथिफॉन केवल नियंत्रित प्रक्रिया के तहत एथिलीन गैस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है – सीधे फलों पर इसका उपयोग प्रतिबंधित है।

उपभोक्ताओं और विक्रेताओं के लिए चेतावनी

FSSAI ने उपभोक्ताओं और व्यापारियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और केवल उन्हीं फलों की खरीद-फरोख्त करें जो सुरक्षित और नियमानुसार पके हों। आम जनता से यह भी अनुरोध किया गया है कि यदि कहीं केमिकल से पकाए गए फलों की बिक्री की जानकारी मिले तो उसे स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी या हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत सूचित करें।

“सेहत के साथ समझौता नहीं चलेगा। रसायन से पकाए फल बेचने वालों पर अब चलेगा कानून का डंडा।” — FSSAI


यह रहा एक आसान और उपयोगी ‘सेफ फ्रूट गाइड’ (Safe Fruit Guide) — जिससे आप यह समझ सकें कि फल सही तरीके से पके हैं या खतरनाक केमिकल से।


🛡️ सेफ फ्रूट गाइड — सुरक्षित फल खरीदने और पहचानने की सरल गाइड

🍋 1. फल की गंध पर ध्यान दें

  • प्राकृतिक रूप से पका फल — मीठी, ताज़ा और सुगंधित खुशबू देता है।
  • केमिकल से पका फल — या तो बिना गंध का होता है या उसमें तेज़, अजीब सी गंध होती है।

🍌 2. रंग परखें, चमक से धोखा न खाएं

  • सुरक्षित फल — हल्के-गहरे रंग में प्राकृतिक ढंग से रंग बदलते हैं।
  • रसायनयुक्त फल — जरूरत से ज़्यादा चमकदार, असामान्य रूप से एक जैसे पीले/लाल रंग वाले।

🥭 3. स्पर्श और बनावट जांचें

  • प्राकृतिक फल — दबाने पर हल्का नरम महसूस होता है, एकसमान पकता है।
  • कृत्रिम रूप से पका फल — बाहर से नरम और अंदर से कच्चा, कभी-कभी चिपचिपा महसूस हो सकता है।

⚠️ 4. खास सावधानी आम, केला और सेब में

  • ये सबसे ज़्यादा कैल्शियम कार्बाइड और एथिफॉन से पकाए जाते हैं।
  • ऐसे फलों को लेने से पहले कटे हुए नमूने मांगें या विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें।

🔍 खरीदारी के समय इन बातों का रखें ध्यान

✅ लोकल और सीजनल फल खरीदें
✅ अच्छी तरह से धोकर ही फल खाएं
✅ सड़क किनारे बिकने वाले अत्यधिक चमकदार फलों से बचें
✅ हो सके तो जैविक (Organic) या FSSAI प्रमाणित विक्रेता से ही खरीदें


📞 अगर आपको लगे कि फल केमिकल से पकाए गए हैं…

➡️ तुरंत अपने क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सूचित करें
➡️ या FSSAI की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें: 1800-11-2100
➡️ ईमेल: complaints@fssai.gov.in


🎯 ध्यान रखें:
“केमिकल से पका फल दिखने में सुंदर हो सकता है, लेकिन सेहत के लिए ज़हर है।”

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