सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री की पुष्टि, विपक्ष ने दिया सरकार को पूरा समर्थन
संवाददाता
नई दिल्ली,नवसत्ता। देश के भीतर और बाहर सुरक्षा चुनौतियों के बीच आज संसद भवन के एनेक्सी में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक कई मायनों में अहम रही। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह साफ किया कि पाकिस्तान के आतंकी ढांचों के खिलाफ शुरू हुआ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी जारी है। उन्होंने बताया कि 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हुई एयर स्ट्राइक के बाद भी कार्रवाई जारी है और सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी गई है। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस बात की पुष्टि की।
करीब डेढ़ घंटे तक चली इस अहम बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बैठक की शुरुआत से पहले कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग की थी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “ऐसे संकट के समय में प्रधानमंत्री का खुद मौजूद रहना ज़रूरी होता है। निर्णय लेना उन्हीं के हाथ में है, सुनना और बताना अलग बात होती है।” हालांकि, सरकार की ओर से मंत्रियों ने आश्वासन दिया कि बैठक में हुई बातों को प्रधानमंत्री तक पहुंचाया जाएगा।
हम चाहते थे कि इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री जी भी आएं और संक्षिप्त में अपनी बात रखें कि किस तरह भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लिया और हमारे जवानों ने हिम्मत दिखाई।
हम हमारे जवानों को सलाम करते हैं और उनका अभिनंदन करते हैं।
हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री खुद आकर सारी बातें… pic.twitter.com/mon0B32o3f
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 8, 2025
राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा, “हमने सरकार को पूरा समर्थन दिया है। जैसा कि खड़गे जी ने कहा, कुछ मुद्दों पर सरकार ने चर्चा नहीं करना उचित समझा, हम उसका सम्मान करते हैं।” उन्होंने यह भी दोहराया कि विपक्ष सरकार के हर साहसिक कदम के साथ खड़ा है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार और सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा कि “TRF जैसे संगठनों के खिलाफ एक वैश्विक अभियान चलाने की जरूरत है।”
इससे पहले, 24 अप्रैल को हुई पिछली सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले में सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार की थी। उस बैठक में आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया था कि बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में खुफिया असफलता के कारण 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़ेवाले की जान गई थी। विपक्ष ने उस वक्त भी सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की थी और आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूद करने पर जोर दिया था।
आज की बैठक में भी खड़गे ने सवाल उठाया कि “जब वहां थ्री-टियर सिक्योरिटी है, तो इतना बड़ा सुरक्षा फेल्योर कैसे हुआ?” उन्होंने कहा कि “ये इंटेलिजेंस नेग्लीजेंस है और सरकार को तेजी से एक्शन लेना चाहिए था।”
हालांकि, तमाम सवालों और बहसों के बीच एक बात साफ तौर पर उभरकर सामने आई — सरकार और विपक्ष इस समय राष्ट्रहित में एकजुट हैं। सभी दलों ने कहा कि देश की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा और सरकार के हर निर्णायक कदम को पूरा समर्थन दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर अब केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक बन चुका है। और आज की सर्वदलीय बैठक ने यह संदेश दिया कि भारत आतंक के खिलाफ राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट है।