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ख़ून के आँसू रोया आतंक का सौदागर: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में तबाह हुआ मसूद अजहर का कुनबा


संवाददाता
बहावलपुर/नई दिल्ली,नवसत्ता।
जिस आतंकी ने वर्षों तक भारत की सरज़मीं को ख़ून से रंगा, उसे अब अपने ही आँचल में मातम मनाना पड़ रहा है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर भारत की निर्णायक कार्यवाही – ऑपरेशन सिंदूर – ने न केवल उसके आतंकी ठिकानों को तहस-नहस किया, बल्कि उसके पूरे परिवार को तबाही में झोंक दिया। बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह पर हुए भीषण हवाई हमले में अजहर के 10 परिजनों की मौत की पुष्टि स्वयं आतंक के इस आका ने एक बयान में की है।

मसूद अजहर की चीख-पुकार: आतंक के आंगन में मातम

ख़ुफ़िया सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की वायुसेना द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन में मारे गए लोगों में मसूद की बड़ी बहन, उसका जीजा, भांजा-भाभी, पांच मासूम बच्चे और मां शामिल हैं। इतना ही नहीं, उसके चार बेहद करीबी सहयोगी भी इस प्रहार में ढेर हो गए। यह वही मसूद अजहर है, जिसकी शह पर पुलवामा, पठानकोट, उरी जैसे हमले अंजाम दिए गए और जिसने हर बार मासूम जानों को अपनी नफरत की आग में झोंक दिया।
आज वही अजहर अपने खून के रिश्तों की लाशों पर मातम कर रहा है।

कोटली और बिलाल आतंकी कैंप भी खाक

ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ अजहर का कुनबा ही नहीं, बल्कि जैश की रीढ़ भी चकनाचूर हो गई। कारी मोहम्मद इकबाल, जो कोटली में जैश के आतंकी कैंप का कमांडर था, हमले में मारा गया। उसके साथ 10 अन्य आतंकियों की भी मौत हुई। दूसरी ओर, बहुचर्चित बिलाल आतंकी कैंप का सरगना याकूब मुगल भी भारत के सर्जिकल प्रहार का शिकार बना। सेना सूत्रों के अनुसार, इस पूरी कार्यवाही में 25 मिनट के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया।

मरकज सुभान अल्लाह: जैश का गढ़ अब मलबे में

जैश का मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह, जो कराची-तोरखाम हाईवे पर बहावलपुर के बाहर स्थित है, जैश के लिए ‘धड़कन’ था। 15 एकड़ में फैले इस अड्डे पर पुलवामा हमले की साजिश रची गई थी। वहीं पर मसूद अजहर का आवास भी था, जिसे अब पाकिस्तानी सेना ने गुप्त ठिकाने पर भेज दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मरकज का निर्माण 2015 में हुआ था, जिसकी फंडिंग खुद पाक सरकार और अरब-अफ्रीकी आतंकी नेटवर्क्स से हुई थी।


भारत का संदेश साफ़: आतंक का बीज बोओगे, तो खून के आंसू रोओगे

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब सिर्फ सहन नहीं करता, जवाब देता है – और वह भी ऐसा कि दुश्मन की रूह कांप उठे। मसूद अजहर, जिसने कभी कंधार हाइजैक के वक्त मुस्कराते हुए रिहा होकर लाहौर में भाषण दिया था, आज अपने ही अपनों की कब्र पर विलाप कर रहा है


यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी – यह भारत की चेतावनी है।
जो देश आतंक को पालेंगे, वे उसे एक दिन खुद के घर में पाएंगे।

कौन है मसूद अजहर ?

  • पूरा नाम: मौलाना मसूद अजहर अल्वी

  • जन्म: 10 जुलाई 1968, बहावलपुर, पाकिस्तान

  • पेशे से: धार्मिक उपदेशक से आतंक का मास्टरमाइंड

  • शिक्षा: जामिया उलूम-उल-इस्लामिया, कराची

मसूद अजहर को 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 1999 में इंडियन एयरलाइंस विमान IC-814 के अपहरण के बदले में उसे रिहा करना पड़ा। रिहाई के कुछ ही महीने बाद उसने कराची में जैश-ए-मोहम्मद नाम का आतंकी संगठन खड़ा किया।


भारत पर आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड

  • 2001: भारतीय संसद पर हमला

  • 2016: पठानकोट एयरबेस हमला

  • 2019: पुलवामा आत्मघाती हमला – जिसमें 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हुए

इन सभी हमलों की साजिश मसूद अजहर के नेतृत्व में जैश-ए-मोहम्मद ने रची।


मरकज सुभान अल्लाह – आतंक का अड्डा

बहावलपुर के बाहरी इलाके में 15 एकड़ में फैला यह परिसर जैश का ऑपरेशनल मुख्यालय है। यहीं पर आतंकी तैयार किए जाते हैं, उन्हें भारत विरोधी ट्रेनिंग दी जाती है, और हमलों की योजना बनाई जाती है। पुलवामा हमला भी यहीं से संचालित किया गया था।


ऑपरेशन सिंदूर: आतंक पर ताबड़तोड़ प्रहार

भारतीय खुफिया एजेंसियों के सटीक इनपुट के आधार पर भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सीमा के 100 किमी भीतर घुसकर 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। मरकज सुभान अल्लाह पर सबसे ज़्यादा नुक़सान हुआ – वहाँ मसूद अजहर का परिवार छिपा हुआ था।


अब कहां है मसूद अजहर?

पाकिस्तानी सेना ने मसूद अजहर को किसी अज्ञात बंकर में छिपा रखा है। लेकिन भारतीय खुफिया तंत्र का दावा है कि उसकी निगरानी जारी है और “अब उसका नंबर दूर नहीं है।”


मसूद अजहर आज भले ही अपने परिजनों को खोकर रो रहा हो, लेकिन भारत के हजारों परिवारों ने उसके भेजे आतंकियों के कारण अपनों को खोया है। इतिहास ने एक बार फिर यह साबित किया है कि आतंक की राह पर चलने वाले को देर से ही सही, अपने कर्मों का फल मिलता ही है।

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