नई दिल्ली,नवसत्ताः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मई 2025 में एक्सिओम स्पेस के एएक्स-4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करेंगे। यह मिशन भारत के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह 1984 में राकेश शर्मा के बाद आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे।
मिशन का महत्व
- यह भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- कैप्टन शुक्ला को माइक्रोग्रैविटी अनुकूलन, अंतरिक्ष यान संचालन और आपातकालीन प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण मिलेगा।
- यह मिशन भारत की वैश्विक अंतरिक्ष साझेदारी को मजबूत करेगा।
भारत के आगामी अंतरिक्ष मिशन
- ईओएस-09 उपग्रह (मई-जुलाई 2025)
- पीएसएलवी-सी61 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा।
- सी-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस, जो 24/7 उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग करेगा।
- निसार उपग्रह (जून 2025)
- नासा-इसरो संयुक्त मिशन।
- पृथ्वी के पर्यावरणीय परिवर्तनों और प्राकृतिक आपदाओं पर नजर रखेगा।
- एलवीएम3-एम5 मिशन (जुलाई 2025)
- ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रहों को लॉन्च करेगा।
- यह न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड का एक वाणिज्यिक प्रक्षेपण होगा।
गगनयान की तैयारियाँ
- टेस्ट व्हीकल-डी2 (टीवी-डी2) मिशन गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण करेगा।
- इसरो ने क्रू मॉड्यूल की समुद्री वसूली प्रक्रिया का भी सफलतापूर्वक अभ्यास किया है।
कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण होगी, बल्कि यह मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की दिशा में एक बड़ा कदम है। आने वाले महीनों में इसरो के कई महत्वाकांक्षी मिशन भारत को वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाने में मदद करेंगे।