रांची,नवसत्ता :- झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को पांच महीनो के बाद जमानत मिल गई। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने आज जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद हेमंत सोरेन को जमानत दी। झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है। 31 जनवरी 2024 की रात को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
बड़गाईं में 8.5 एकड़ जमीन के कथित घोटाला मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता और झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के वकील लगातार जमानत के लिए कोर्ट में अर्जियां लगा रहे थ। मनी लाउंडरिंग केस में गिरफ्तार किए गए हेमंत सोरेन ने पीएमएलए कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में जमानत की अर्जी दी, लेकिन बार-बार उनकी जमानत अर्जी खारिज होती जा रही थी। आखिरकार आज हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ी रहा दे दी है।
हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर 13 जून को आखिरी बार सुनवाई हुई थी। उस दिन झामुमो नेता के वकील कपिल सिब्बल ने अपने मुवक्किल को जमानत देने की पैरवी कोर्ट में की थी। उनकी दलीलों का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील एसवी राजू ने विरोध किया और कोर्ट से आग्रह किया कि हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आज डबल बेंच की सुनवाई के बाद जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की सिंगल बेंच ने कोर्ट रूम में एक लाइन का फैसला सुनाया, जिसमें कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत दी जाती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सोरेन को जमानत मिलने पर प्रसन्नता जताई और कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। झारखंड हाईकोर्ट में ईडी को उस वक्त झटका लगा, जब जमानत पर 24 घंटे के स्टे लगाने के उसके आग्रह को नामंजूर कर दिया गया।
हेमंत सोरेन की ओर सुप्रीम कोर्ट की वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने अदालत को बताया था कि यह मनी लांड्रिंग का नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। केंद्र सरकार द्वारा ईडी के दुरुपयोग दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया गया है। जमीन उनका नहीं है और यह केवल ईडी का अनुमान है।