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योगी के यूपी में ऊसर पर लहलहाई फसल, अब तक दो लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य में तब्दील

प्रति हेक्टेयर औसत उपज में 8.58 कुंतल की वृद्धि

कई क्षेत्रों के भूगर्भ जल स्तर में भी आया सुधार

लखनऊ,नवसत्ता: ऊसर….. मतलब बाँझ, ऐसी जमीन जहां तिनका भी मुश्किल से उगता है. ऐसी जमीन को योगी आदित्यनाथ सरकार उर्वर बना रही है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के जरिए सरकार अब तक दो लाख हेक्टेयर से अधिक गैर कृषि योग्य भूमि को कृषि योग्य (उर्वर) बना चुकी है. इस मद में सरकार अब तक 291 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है.

समय की मांग है गैर खेती योग्य भूमि को खेती योग्य बनाने

गैर खेती योग्य भूमि को खेती योग्य बनाना समय की मांग है. दरअसल बढ़ती आबादी, औद्योगीकरण और अन्य विकास कार्यों की वजह से उपलब्ध भूमि का रकबा साल दर साल घट रहा है. कृषिमंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार इन कार्यों की वजह से हर साल भूमि के रकबे में 40 से 50 हजार हेक्टेयर की कमीं आ रही है. नतीजन खेती का रकबा भी घट रहा है। ऐसे में बढ़ती आबादी की खाद्यान्न एवं पोषण सुरक्षा के लिए दो ही विकल्प बचते हैं. उपलब्ध जमीन की उपज बढ़ाई जाय और गैर कृषि योग्य भूमि को क्रमशःखेती योग्य भूमि में बदला जाय. योगी सरकार इन दोनों क्षेत्रों पर काम कर रही है. अब तक के नतीजे भी अच्छे रहे हैं.

एक सर्वेक्षण के अनुसार गैर कृषि योग्य भूमि को कृषि योग्य बनाने से कई लाभ हुए हैं. मसलन प्रति हेक्टेयर उत्पादन में 8.58 कुंतल की वृद्धि हुई है. इस तरह दो लाख हेक्टेयर गैर कृषि योग्य भूमि को कृषि योग्य बनने से कुल उपज में 1716000 कुंतल की वृद्धि हुई है. अगर प्रति कुंतल का मूल्य 2000 रुपये की दर से देखा जाय तो यह 34232000000 रुपये ( तीन सौ 43 करोड़ 20 लाख रुपये) होगा.

संबंधित क्षेत्रों का भूगर्भ जलस्तर 1.48 मीटर बढ़ा

इससे किसानों की आय तो बढ़ी ही संबंधित क्षेत्रों के भूगर्भ जल के स्तर में औस्तन 1.42 मीटर की हुई है. इसके स्थाई लाभ हैं. मसलन भूगर्भ जल स्तर के सुधरने से यह जल सूखे के दिनों में सिंचाई एवं पशुओं के पीने के पानी के काम आएगा. इससे जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) की संवेदनशीलता भी कम होगी.

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