कोलकाता,नवसत्ता: कोलकाता में भारी बारिश के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी पार्टी ने शहीद दिवस पर हुंकार भरी. इस दौरान उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अब तो मुरमुरे पर जीएसटी लग गई है तो क्या भाजपा के लोग अब मुरमुरे नहीं खाएंगे. मिठाई, लस्सी, दही पर जीएसटी लगी है. आखिर लोग क्या खाएंगे? मरीज के अस्पताल में भर्ती होने पर भी जीएसटी. ये बताएं कि मरने पर कितनी जीएसटी लगेगी.
लोगों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि देश में पिछले 50 सालों में आज, बेराजग़ारी दर सबसे अधिक है. भाजपा का दिमाग खराब हो गया है. भाजपा के पास कोई बुद्धिजीवी नहीं है.
#WATCH | West Bengal: Trinamool Congress MP Abhishek Banerjee addresses the public at the TMC's Martyr's Day Rally in Kolkata's Esplanade pic.twitter.com/ooWZZHT544
— ANI (@ANI) July 21, 2022
बताते चलें कि कोलकाता में बारिश हो रही है इसके बावजूद ममता बनर्जी को सुनने के लिए कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जमी रही. वहीं जब अभिषेक बनर्जी संबोधित कर रहे थे, उस समय भी भारी बारिश हो रही थी, लेकिन न तो अभिषेक ने अपना भाषण बंद किया और न ही कार्यकर्ता रैली से हटे. बारिश में छतरी लेकर लोगों ने अभिषेक को सुना.
इसी बात पर उन्होंने कहा कि ये बारिश ही 2024 में भाजपा को बहा कर ले जाएगी, हमलोगों से लड़ने की शक्ति है उनमें नहीं है. इन दो सालों में हमलोगों ने कइयों क़ो खो दिया है. भाजपा हर जगह सरकार तोड़ रही है, यही उनका काम है बंगाल में भी कोशिश की मगर लाभ नहीं हुआ.
तृणमूल कांग्रेस (तृकां) महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि इस रैली में में करीब 20 लाख लोग शामिल होंगे. तृकां महामारी के कारण पिछले दो साल से अपनी वार्षिक शहीद दिवस रैली का आयोजन आनलाइन माध्यम से कर रही थी.
गौरतलब है कि ममता बनर्जी जब समय कांग्रेस की नेता थीं और पश्चिम बंगाल युवा कांग्रेस की अध्यक्ष थीं. उन्होंने एक रैली का नेतृत्व किया था और चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए फोटो वोटर कार्ड को लागू करने की मांग की थी. ममता घटना स्थल से एक किलोमीटर दूर थीं. उसी समय रैली पर पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें 13 कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मौत हो गई.
साल 1993 में हुई घटना के बाद से टीएमसी हर साल उन 13 कार्यकर्ताओं की याद में रैली का आयोजन करती है, जिन्हें वे शहीद कहते हैं. इसी घटना को लेकर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी हर साल शहीद दिवस मनाती हैं.
Posted By: Ruchi Mishra