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आप का सवाल सरकार का जवाब, सच क्या है जांच तो होनी चाहिए

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ, नवसत्ता: आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में एक प्रेसवार्ता की और मिशन जल जीवन में होने वाले महाघोटाले का पर्दाफाश किया। संजय के आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्य के जलशक्ति मंत्री डाक्टर महेंद्र सिंह ने भी जवाबी प्रेसवार्ता की और संजय के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन पर मिशन जल जीवन के काम में बाधा डालने वाला बताया।

महेंद्र सिंह का पक्ष
आप के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह के आरोपों पर जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बिंदुवार सभी का जवाब दिया। मंत्री महेंद्र सिंह ने संजय के 30 हजार करोड़ को घोटाले वाले आरोप को हास्यास्पद बताया और कहा कि अभी मिशन की तरफ से सिर्फ 15 हजार करोड़ के कामों की ही मंजूरी दी गई है और सिर्फ 3 हजार करोड़ का ही भुगतान हुआ है तो फिर 30 हजार करोड़ का घोटाला कैसे हुआ।
महेंद्र सिंह ने रश्मि मैटेलिक के ब्लैकलिस्टेड होने पर भी सपाई दी और सेना के हवाले से जारी कागज दिखाते हुए बताया कि इससे काम ना लेने की बात कही गई है पर ब्लैक लिस्ट होने की कोई पुष्टि नहीं की गई है। उन्होंने टीपीआई के मुद्दे पर भी साफ किया कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के रेट बताये कि वहां 1.53 और 1.73 तक का रेट है जबकि यहां उससे काफी कम पर मतलब 1.33 परसेंट पर यहां कंपनियों से काम लिया जा रहा है। उन्होंने विधायकों की चिट्ठियों पर भी सफाई पेश की और संजय के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि हमारे ऊपर रिश्वत लेने के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
संजय सिंह का पक्ष—-
 लखनऊ में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की प्रेस वार्ता के ठीक 1 घंटे बाद ही दिल्ली में संजय सिंह ने दोबारा प्रेस वार्ता करके महेंद्र सिंह के पलटवार को झूठ का पुलिंदा बताया और कहा कि रविवार को लखनऊ में मैने प्रेसवार्ता कर मिशन जल जीवन के महाघोटाले का पर्दाफाश किया। 30 हजार करोड़ के इस घोटाले में शामिल मंत्री और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सीबीआई जांच की मांग की और इसके लिए सरकार को एक हफ्ते का समय दिया। दूसरे ही दिन सोमवार को जलशक्ति मंत्री सरकार की तरफ से मैदान में उतरे और मेरे आरोपों को नकारते हुए तमाम कागजाों के हवाले से मिशन के कामकाज को जायज ठहराया। अब मै महेंद्र सिंह को चैलेंज करता हूं कि देश के किसी भी कोने या चौराहे पर जहां चाहें अपने कागजों के साथ आएं मै अपने कागजों के साथ आऊंगा और पूरी मीडिया के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। यूपी में बाबा और 40 चोरों की सरकार है जो हर मामले पर झूठ और सिर्फ झूठ बोलती है। मैने अयोध्या में मंदिर की जमीन खरीदने में घोटाले का मामला उठाया, मैने कोरोना काल में दवाओं और उपकरणों की खरीद का मामला उठाया मैने मंत्री सतीश द्विवेदी के भ्रष्टाचार का मामला उठाया सभी पर सरकार कोई जवाब तक नहीं दे पाती, अब जब मैने जल जीवन मिशन के महाघोटाले को उजागर किया है तो बाबा और उनके 40 चोरों की पूरी कलई खुल गई है। मंत्री मीडिया के सामने झूठे और गलत कागजों का हवाला देकर ब्लैक लिस्टेड कंपनी रश्मि मैटलिक के एजेंट की तरह वकालत करते नजर आए। मै इस मामले में सच को सामने लाकर रहूंगा मै कल जीरो आवर में संसद में इस मामले को उठाऊंगा और इसकी शिकायक लोकायुक्त केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और प्रधानमंत्री से भी करूंगा।
पूरे मामले की निष्पक्ष जांच तो होनी ही चाहिए
मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य के लिए1 लाख 20 हजार के जल जीवन मिशन में अभी सिर्फ 3 हजार करोड़ का ही भुगतान हुआ है तो घोटाला 30 हजार करोड़ का कैसे पर भुगतान जितना हुआ है उतने का भी काम कहीं दिखाई नहीं देता, बुंदेलखंड क्षेत्र में भी अभी सिर्फ पाइप डालने का काम ही चल रहा है कहीं ना तो ट्यूबवेल लग पाये हैं और ना ही ओवरहेड चैंक बने हैं, दूसरा संजय ने टीपीाई के काम में अन्य राज्यों के रेट जो बताए उसमें केरल तमिलनाडु उत्तराखंड हिमाचल मध्य प्रदेश के उदाहरण दिए जिनके रेट 0.2 से लेकर 0.5 तक ही हैं पर मंत्री जी ने मध्य प्रदेश का भी रेट 1.53 और आंध्र प्रदेश का रेट 1.73 कोट किया जो गले नहीं उतरता।
मंत्री ने जलजीवन मिशन की तो तारीफ की पर जल निगम पर कई तरह से सवाल भी खड़े कर दिए मसलन उसके स्वीकृत दरों को लेकर, सवाल ये है कि अगर जल निगम बेहतर काम नहीं कर रहा तो उसे बंद क्यों नहीं कर दिया गया।
संजय सिंह महेंद्र सिंह को खुली बहस की चुनौती दे रहे हैं  देखना ये होगा कि क्या मंहेंद्र सिंह उनकी चुनौती को स्वीकार करते हैं।
जो भी हो मामला गंभीर है और जनता से जुड़े पैसों का भी है, लिहाजा आरोप और प्रत्यारोप से सच का पर्दा उठाने के लिए अब पूरे मामले की निष्पक्ष जांच तो होनी ही चाहिए और वो भी किसी ऐसी एजेंसी से जो वाकई इस पुण्य मिशन पर लगने वाले दाग से दूध का दूध और पानी का पानी अलग कर दे।

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