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हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई रोक, कहा- श्रद्धालुओं का जीवन है महत्वपूर्ण

देहरादून, नवसत्ता : उत्तराखण्ड सरकार ने चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के निवासियों को ही कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के साथ 1 से 10 जुलाई तक धामों में दर्शन की अनुमति दी थी, किन्तु तीरथ सरकार के अधूरे शपथपत्र से नाराज होकर हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा हमारे लिए श्रद्घालुओं का जीवन महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा उतराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह भक्तों के लिए चारधाम के लाइव दर्शन करने का इंतजाम भी करे। वहीं, इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख को लाइव दर्शन के इतंजाम पर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
उतराखंड हाईकोर्ट ने आधी अधूरी जानकारी देने के कारण न सिर्फ अधिकारियों को फटकार लगाई बल्कि यात्रा के लिए सरकार द्वारा आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लागू करने के फैसले पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा कि कुम्भ में भी कोरोना जांच में हुआ फर्जीवाड़ा था। जबकि चारधाम में सेनेटाइजर और साबुन से हाथ धोने के कौन इंतजाम देखेगा। वहीं, चारधाम यात्रा के लिए सरकार के स्वास्थ्य इंतजाम से भी कोर्ट नहीं संतुष्ट नहीं दिखा। कोर्ट ने कहा कि हमारे लिए श्रद्धालुओं का जीवन है महत्वपूर्ण है।

बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार द्वारा चारधाम यात्रा को जिलास्तर पर अनुमति दी गई थी, लेकिन आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी थी। सरकार ने जिन जिलों को यात्रा की अनुमति दी थी उनमें चमोली जिले के यात्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन, रुद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ धाम के दर्शन और उत्तरकाशी जिले के यात्री गंगोत्री यमुनोत्री धाम के दर्शन करने का नियम बनाया था।फिलहाल केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में केवल पुजारियों को पूजा अर्चना संबंधी गतिविधियां कर पाने की अनुमति है।

Posted By : Ruchi Mishra

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