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एबीपी के पत्रकार की मौत पर हंगामा, विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा, हत्या का मामला दर्ज

लखनऊ,नवसत्ताः प्रतापगढ़ जिले में न्यूज चैनल एबीपी के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की रविवार रात एक ईंट भट्ठे के किनारे संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मौत से एक दिन पहले ही पत्रकार ने शराब माफिया से जान से मारने की धमकी की जानकारी देते हुए सुरक्षा के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा था। पुलिस इस मौत को हादसा बता रही है जबकि परिजनों को आशंका है कि उनकी हत्या हुई है। विपक्ष के हंगामें के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या यह दुर्घटना ही लग रही है, लेकिन हम इसकी जांच करा रहे हैं। एसपी आकाश तोमर का कहना था, दुर्घटना के वक्त कुछ प्रत्यक्षदर्शी भी मौजूद थे। उनका कहना है कि यह दुर्घटना ही है और जानकारी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मिल पाएगी।
हालांकि अब पुलिस ने उनकी पत्नी की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।

प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि परिवार को सुरक्षा भी मुहैया कराई गई हैं और परिवार की मांग का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

एडीजी प्रेम प्रकाश ने सुलभ के पत्र पर सफाई देते हुए कहा, कल दोपहर को ही लेटर मिला था जिसे तुरंत प्रतापगढ़ के एसपी को फॉरवर्ड कर दिया गया था। एसपी ने तुरंत सुलभ से बात भी कर ली थी। प्रभारी एसपी ने उनसे बात कर हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया था।
घटना से एक दिन पहले ही सुलभ श्रीवास्तव ने इलाहाबाद जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका जताई थी। पत्र में उन्होंने लिखा था कि शराब माफिया से उनकी जान को खतरा है क्योंकि उन्होंने एक खबर लिखी थी जिसे लेकर उन्हें धमकियां मिल रही थीं और दो दिन से उनका पीछा किया जा रहा था।
सुलभ श्रीवास्तव की पत्नी रेणुका श्रीवास्तव का कहना है कि जब से उन्होंने शराब माफिया के खिलाफ खबर चलाई थी तभी से कुछ लोग उनके पीछे पड़े थे। उन्होंने कहा, जब बड़े अफसरों को उन्होंने पत्र लिखा था तो मोबाइल पर हमें दिखाया भी था। घर पर बता भी रहे थे कि कुछ लोग पीछे पड़े हैं, धमकी दे रहे हैं। प्रशासन को पत्र इसलिए लिखा था कि शायद सुरक्षा मिल जाएगी।
उधर, पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की मौत को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इसे हत्या करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, शराब माफियाओं के खिलाफ खबर चलाने के कारण यूपी में एक पत्रकार की हत्या हो जाती है जबकि एक दिन पहले सुलभ जी ने एडीजी को पत्र लिखकर हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन सब सोते रहे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की मौत को लेकर योगी सरकार पर हमला किया है। प्रियंका गांधी ने सवाल किया है कि क्या जंगलराज को पालने-पोसने वाली यूपी सरकार के पास पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव जी के परिजनों के आंसुओं का कोई जवाब है?

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