दाह-संस्कार के लिए कंपनी के पास गोल्ड और बेसिक पैक
पटना में श्मशान घाट निजी हाथों में सौंपने की तैयारी
लखनऊ,नवसत्ताः देश में कोरोना महामारी के हाहाकार के बीच आपदा में अवसर तलाश रहे लोगों ने अंतिम संस्कार को भी कारोबार बना दिया है। देश में कई जगह कंपनियां अंतिम संस्कार के लिए तरह-तरह के पैकेज के आफर दे रहीं हैं। पटना में तो श्मशान घाट ही निजी हाथों में सौंपने के लिए टेंडर निकालने की तैयारी है। यह सब देखकर लग रहा है कि आने वाले दिनों में कई कारपोरेट घराने भी इस कारोबार में उतर सकते हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में चरमरायी स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच एक से बढ़कर एक दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। राजधानी लखनऊ में तो श्मशान घाट के बाहर शवों की लाइन देखी जा सकती है। अंन्तिम संस्कार के लिए टोकन बांटे जा रहे हैं ऐसी भी शिकायतें आ रहीं है कि अंन्तिम संस्कार के लिए हजारों रूपये लिए जा रहे हैं। देश में लगभग सभी जगह ऐसी खबरें आ रहीं हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में चरमरायी स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच एक से बढ़कर एक दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। राजधानी लखनऊ में तो श्मशान घाट के बाहर शवों की लाइन देखी जा सकती है। अंन्तिम संस्कार के लिए टोकन बांटे जा रहे हैं ऐसी भी शिकायतें आ रहीं है कि अंन्तिम संस्कार के लिए हजारों रूपये लिए जा रहे हैं। देश में लगभग सभी जगह ऐसी खबरें आ रहीं हैं।
ऐसे में हैदराबाद के एक कपल ने ‘फ्यूनेरल सेवा सर्विसेज’ लॉन्च की है। इसके तहत घर से शव को उठाने के लिए गाड़ी के इंतजाम, पंडित की व्यवस्था, दाह-संस्कार के सामान, लकड़ी आदि की पूरी व्यवस्था कंपनी करेगी। कॉरपोरेट स्टाइल में बनाये गये इस फर्म में बिजनेस मैनेजर से लेकर लोकल एजेंट्स और सपोर्ट स्टाफ हैं, जो सभी चीजों की व्यवस्था करते हैं। दाह-संस्कार के लिए 30 से 35 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।
दाह-संस्कार भी बना करोबार
चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद समेत देश के 10 शहरों में कंपनी अपनी सेवा उपलब्ध करवा रही है। दाह-संस्कार के लिए कंपनी में पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। कंपनी के पास पैक भी उपलब्ध है गोल्ड और बेसिक। कोविड मरीजों के दाह-संस्कार के लिए कंपनी 30 हजार रुपये ले रही है।
दाह-संस्कार भी बना करोबार
चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद समेत देश के 10 शहरों में कंपनी अपनी सेवा उपलब्ध करवा रही है। दाह-संस्कार के लिए कंपनी में पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। कंपनी के पास पैक भी उपलब्ध है गोल्ड और बेसिक। कोविड मरीजों के दाह-संस्कार के लिए कंपनी 30 हजार रुपये ले रही है।
गोल्ड पैक के तहत कंपनी 85 हजार तक वसूल रही है। है। कंपनी गोल्ड और बेसिक नाम से दो पैकेज ऑफर करती है। कंपनी का कहना है कि यह जोखिम भरा काम है और श्मशान में स्लॉट पाना इन दिनों कठिन काम है।’’
मेरठ शहर में तो गंगा मोटर कमेटी की सरपरस्ती में संचालित सूरजकुंड श्मशान स्थल में शवों का अंतिम संस्कार एक कारोबार बन चुका है। दक्षिणा के नाम पर आचार्यों की सालाना कमाई 75 लाख रुपये से भी अधिक है। श्मशान में 42 आचार्यों का ग्रुप है, जो अंतिम संस्कार से संबंधित कार्यों को संचालित करता है। श्मशान में शव आते ही पूरा पैकेज मृतक के परिजनों को बता दिया जाता है।
मेरठ शहर में तो गंगा मोटर कमेटी की सरपरस्ती में संचालित सूरजकुंड श्मशान स्थल में शवों का अंतिम संस्कार एक कारोबार बन चुका है। दक्षिणा के नाम पर आचार्यों की सालाना कमाई 75 लाख रुपये से भी अधिक है। श्मशान में 42 आचार्यों का ग्रुप है, जो अंतिम संस्कार से संबंधित कार्यों को संचालित करता है। श्मशान में शव आते ही पूरा पैकेज मृतक के परिजनों को बता दिया जाता है।
एक आचार्य अपना एक दिन दूसरे को देने के लिए ढाई लाख रुपये तक की सालाना पगड़ी लेता है। इसके बाद वह दिन दूसरे के हिस्से में आ जाता है। कुछ आचार्य घंटों के हिसाब से भी समय देते हैं और दक्षिणा का आधा हिस्सा उनके खाते में जाता है।
इस बीच पटना के श्मशान घाटों को प्राइवेट एजेसिंयों को सौंपने की तैयारी चल रही है। जिसके बाद यहां की सारी जिम्मेदारी इन एजेंसी को सौंप दी जाएगी।
इस बीच पटना के श्मशान घाटों को प्राइवेट एजेसिंयों को सौंपने की तैयारी चल रही है। जिसके बाद यहां की सारी जिम्मेदारी इन एजेंसी को सौंप दी जाएगी।
एजेंसी के स्टाफ ही लाशों के अंतिम संस्कार कराएंगे और मंत्रोच्चारण भी करेंगे।
कोरोना के कारण राजधानी पटना के श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लाशों की कतार लग रही है, जिससे यहां की व्यवस्था की पोल खुल गई है। अब पटना नगर निगम ने फैसला लिया है कि राजधानी के तीनों विद्युत शवदाह गृह वाले। श्मशान घाटों की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को सौंपी जाएगी। कहा जा सकता है कि अब अंतिम संस्कार कराने का काम प्राइवेट एजेंसियां करेंगी।
कोरोना के कारण राजधानी पटना के श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लाशों की कतार लग रही है, जिससे यहां की व्यवस्था की पोल खुल गई है। अब पटना नगर निगम ने फैसला लिया है कि राजधानी के तीनों विद्युत शवदाह गृह वाले। श्मशान घाटों की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को सौंपी जाएगी। कहा जा सकता है कि अब अंतिम संस्कार कराने का काम प्राइवेट एजेंसियां करेंगी।
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