नई दिल्ली, नवसत्ता : राष्ट्रीय राजधानी में सरकार की तरफ से लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने दिल्ली पुलिस चीफ को अगले तीन महीनों के लिए विशेष अतिरिक्त अधिकार सौंपे। जिसमें कहा गया कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर आगामी 18 अक्टूबर तक राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत शक्तियों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका मतलब यह है कि किसी व्यक्ति से राष्ट्र की सुरक्षा या कानून व्यवस्था को खतरा होने का अंदेशा हो तो उसे एनएसए के तहत हिरासत में लिया जा सकेगा।
बता दें कि यह आदेश ऐसे समय में दिया गया जब उत्तर भारत के किसान दिल्ली के जंतर मंतर पर लगातार महीनों से केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि यह नियमित और रूटीन प्रक्रिया है, इसका किसानों के आंदोलन से कोई संबंध नहीं है, लेकिन लोगों को याद आ रहा है कि सीएए के खिलाफ जब दिल्ली में आंदोलन चल रहा था, तब जनवरी 2020 में भी इसी तरह का आदेश दिया गया था।
वास्तव में, दिल्ली राजपत्र के 22 जुलाई को प्रकाशित संस्करण में इस आदेश का प्रकाशन किया गया, जो कि 19 जुलाई को दिया गया था। गृह उप सचिव एलके गौतम ने इस आदेश को एलजी के आदेश के तौर पर जारी किया है, जिसमें लिखा है कि एनएसए की धारा 3 की उपधारा 2 की शक्तियों का इस्तेमाल निरोध प्राधिकारी के तौर पर कर सकते हैं।