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कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला,26 की मौत

पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला

एजेंसी
पहलगाम ,नवसत्ता: दक्षिण कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम के पास स्थित खूबसूरत बैसरन घास के मैदान में हुए आज हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। खबर लिखे जाने तक इस हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद कश्मीर घाटी में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है।

हमले के वक्त बैसरन मैदान, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है, पर्यटकों से गुलजार था। दोपहर करीब 3 बजे हथियारबंद आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर टट्टुओं की सवारी कर रहे और खाने-पीने की दुकानों के पास खड़े पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे। गोलीबारी में कम से कम 20 लोग घायल भी हुए हैं।

हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट ग्रुप टीआरफ ने ली है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि हमलावर किश्तवाड़ से होकर कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे थे।

हमले के वक्त इलाके में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस भारत दौरे पर थे और कश्मीर में ट्रैकिंग-पर्यटन सीजन चरम पर था। बैसरन तक केवल पैदल या टट्टुओं के सहारे ही पहुंचा जा सकता है, जिस कारण घायल पर्यटकों को वहां से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। राहत कार्य के लिए हेलीकॉप्टरों और स्थानीय टट्टू चालकों की मदद ली गई।

मारे गए लोगों में कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों के पर्यटक शामिल हैं। कर्नाटक के शिवमोगा के व्यवसायी मंजूनाथ राव भी हमले में मारे गए। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना पर शोक जताया और जम्मू-कश्मीर के लिए एक विशेष टीम रवाना की।

हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस वक्त सऊदी अरब दौरे पर हैं, ने ट्वीट कर घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा, उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।

इस हमले को लेकर केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। सुरक्षा बलों ने व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ष्हमले के पीछे जो भी दोषी हैं, उन्हें उनके जघन्य अपराध की कीमत चुकानी होगी। पूरे देश में आक्रोश है और सुरक्षा बलों का खून खौल रहा है।

घटना स्थल बैसरन, जो पहलगाम शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है, ट्रेकर्स और पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थल है। यह घना जंगल, पहाड़ों और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा है और हाल के वर्षों में फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग के लिए भी पसंदीदा जगह रहा है।

इससे पहले भी पहलगाम क्षेत्र आतंकी हमलों का गवाह बन चुका है। वर्ष 2000 में अमरनाथ यात्रा के दौरान बेस कैंप पर हुए हमले में 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 2001 और 2002 में भी तीर्थयात्रियों और आम नागरिकों पर हमले हुए थे।

इस ताजा हमले ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब कश्मीर में पर्यटकों की आमद बढ़ रही थी और घाटी सामान्य स्थिति की ओर लौट रही थी, तब ऐसे हमलों का उद्देश्य क्या है? क्या यह कश्मीर में लौटती शांति को अस्थिर करने की एक संगठित साजिश है?

घटनास्थल से लौटते पर्यटकों की आंखों में खौफ और सवाल दोनों हैं। इस हमले के बाद पहलगाम का माहौल पूरी तरह से शांत हो गया है और बड़ी संख्या में सैलानी वापस लौटने लगे हैं। प्रशासन ने अनंतनाग और श्रीनगर में 24×7 हेल्पलाइन कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं।

जांच एजेंसियां हमले की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने में जुट गई हैं। सवाल है कि इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया इनपुट्स के बावजूद आतंकी बैसरन जैसे दुर्गम इलाके तक कैसे पहुंचे? क्या सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई या फिर आतंकियों की योजना बेहद सुनियोजित थी?

इस हमले ने घाटी की फिजा को एक बार फिर खून और चीखों से भर दिया है। अब नजरें इस पर टिकी हैं कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस हमले का जवाब कैसे देती हैं और इसके पीछे की साजिश को कैसे बेनकाब करती हैं।

 

श्रीनगर पहुँचे गृह मंत्री अमित शाह, पहलगाम हमले पर दिए कड़े निर्देश

कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देशभर में फैले आक्रोश के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार देर शाम श्रीनगर पहुँच गए। उन्होंने वहां वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की और हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

अमित शाह सऊदी अरब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी देने के बाद सीधे श्रीनगर रवाना हुए। श्रीनगर एयरपोर्ट से सीधे वह जम्मू-कश्मीर के राजभवन पहुँचे, जहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना, CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में अमित शाह ने दिए यह निर्देश:

  • तीव्र और निर्णायक कार्रवाई: हमले के दोषियों की पहचान कर जल्द से जल्द उन्हें मार गिराने के आदेश दिए गए। उन्होंने कहा कि इस हमले में शामिल किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाए।
  • सुरक्षा पुनः मजबूत करने के निर्देश: पर्यटक स्थलों, धार्मिक यात्राओं और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को और पुख्ता करने को कहा गया। साथ ही लोकल इंटेलिजेंस को मजबूत करने के निर्देश दिए गए।
  • पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोपरि: गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि कश्मीर में पर्यटन पर हमला देश की छवि पर हमला है और इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
  • स्थानीय सहयोगियों की भूमिका की जांच: शाह ने निर्देश दिए कि स्थानीय स्तर पर हमलावरों को मिली किसी भी मदद की गहराई से जांच हो।

अमित शाह ने कहा“यह हमला सिर्फ निर्दोष नागरिकों पर नहीं, बल्कि पूरे भारत की अस्मिता पर हमला है। हमारे सुरक्षाबलों का खून खौल रहा है और देश इस बार चुप नहीं बैठेगा। जो भी इस नापाक हरकत में शामिल हैं, उन्हें बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।”

गृह मंत्री ने मृतकों के परिजनों से फोन पर बात कर शोक संवेदना व्यक्त की और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने घायल पर्यटकों की स्थिति और चिकित्सा व्यवस्था की भी जानकारी ली।

सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में कश्मीर में बड़े पैमाने पर “ऑपरेशन क्लीन अप” शुरू किया जा सकता है, जिसमें आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए विशेष बलों की तैनाती की जाएगी।

अमित शाह की इस त्वरित कार्रवाई और मौजूदगी से यह संदेश स्पष्ट है कि केंद्र सरकार इस हमले को एक सामान्य आतंकी घटना नहीं मान रही, बल्कि इसे एक रणनीतिक चुनौती के रूप में देख रही है। आने वाले दिनों में इस पर और कड़े फैसलों की उम्मीद की जा रही है।

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