शहजाद अख्तर
लखनऊ , नवसत्ता : लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश में चल रहे ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन भी खुलकर खुलकर खेल रहा हैl अपने लोगों को ट्रांसफर से बचने के लिए एसोसिएशन में बिना किसी चुनाव के लखनऊ मे बैठकर जनपदों में पदाधिकारी बनाये जा रहे हैl जिससे डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन की विश्वसनीयता पर संगठन के प्रदेश भर के सदस्य ना सिर्फ असंतोष जता रहे हैं बल्कि उन्हें उनमें रोष भी हैl
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई नई पॉलिसी के तहत लोक निर्माण विभाग में 3 साल से ज्यादा जमे हुए लोगों का वह जनपद ट्रांसफर किया जाना सुनिश्चित किया गया है इसी क्रम में लगभग एक हज़ार से ज्यादा इंजीनियर और कर्मचारियों का तबादला होना तय माना जा रहा हैl गैर जनपद ट्रांसफर से बचने के लिए लोक निर्माण विभाग के अभियान के सहायक अभियंता और अगर अभियंता लोक निर्माण विभाग मुख्यालय में अपने संपर्क को साथ कर ट्रांसफर से बचने की कोशिश कर ली हैl इतना ही नहीं लोक निर्माण विभाग में तैनात जूनियर इंजीनियर एक संगठन सहायक अभियंता एसोसिएशन भी ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में शामिल हो गयी हैl
ऐसा ही एक मामला लोक निर्माण विभाग झांसी में देखने को मिला है जिसमें कई वर्षों से तैनात सहायक अभियंता संदीप शर्मा वर्ष 2019 से वहां तैनात है और नई पॉलिसी के तहत उनका ट्रांसफर तय माना जा रहा है लेकिन संदीप शर्मा ने लखनऊ में बैठे सहायक अभियंता एसोसिएशन के पदाधिकारी से संपर्क कर खुद को झांसी का अध्यक्ष बनवा लियाl
सहायक अभियंता एसोसिएशन की अध्यक्ष सादिया बानो की तरफ से दिनांक 4 मई 2025 को जारी एक पत्र में सहायक अभियंता संदीप शर्मा को सहायक अभियंता संगठन का अध्यक्ष घोषित किया गया हैl सहायक अभियंता संदीप शर्मा को सहायक अभियंता संगठन का अध्यक्ष बनने का पता चलते ही झांसी में सहायक अभियंताओं में नाराजगी फैल गई और उन्होंने इस संबंध में सहायक अभियंता एसोसिशन के अध्यक्ष सादिया बानो द्वारा जारी पत्र को गलत बताते हुए सहायक अभियंता संदीप शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और इस संबंध में उन्होंने एक शिकायती पत्र प्रांतीय अध्यक्ष सहायक अभियंता एसोसिशन के अध्यक्ष को दिया जिसमें झांसी के अनेकों सहायक अभियंताओं के हस्ताक्षर हैंl
यह सारी कवायत सहायक अभियंता संदीप शर्मा ने सिर्फ इस वजह से की कि उन्हें जनपद ट्रांसफर पॉलिसी के तहत झांसी से बाहर न जाना पड़े l ऐसा नहीं है कि लखनऊ में सहायक अभियंता एसोसिशन के पदाधिकारी इस बात से अनजान है कि यूनियन का पदाधिकारी बनने से अधिकारी ट्रांसफर करने में नरमी बरतते हैं और यूनियन के पदाधिकारी अपने पदों पर लंबे समय तक विराजमान रहते हैंl
अब सहायक अभियंता संदीप शर्मा के मामले में यह देखना होगा कि इस तरह लखनऊ में बैठकर मनमाने तरीके से अध्यक्ष बनाए जाने से संदीप शर्मा अपने आप को स्थानांतरण से बचा पाते हैं या नहीं लेकिन इतना तो तय है कि इस तरह से लखनऊ में बैठकर जनपद अध्यक्ष बनाए जाने से सहायक अभियंता एसोसिशन के लखनऊ मे बैठे पदाधिकारियों की विश्वसनीयता खतरे में पड़ती नजर साफ नज़र आती हैl