नई दिल्ली,नवसत्ता । अगर आप नेशनल हाईवे पर बिना टोल चुकाए सफर करते रहे हैं, तो अब सतर्क हो जाइए। केंद्र सरकार ने टोल बकाया रखने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन नियमों में संशोधन का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके तहत टोल बकाया होने पर आरसी रिन्यूअल, इंश्योरेंस रिन्यूअल, ओनरशिप ट्रांसफर और फिटनेस सर्टिफिकेट जैसी सेवाओं के लिए NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) जारी नहीं किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
इस नए प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य डिजिटल टोल वसूली को सशक्त बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी वाहन टोल चुकाए बिना हाईवे पर न चले।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने देशभर में मल्टी लेन फ्री फ्लो (MLFF) सिस्टम लागू करना शुरू कर दिया है। इसमें टोल वसूली के लिए कोई फिजिकल बैरियर नहीं होगा, यानी गाड़ियां बिना रुके गुजरेंगी और टोल शुल्क फास्टैग के माध्यम से ऑटोमैटिक कट जाएगा।
क्या कहता है नया ड्राफ्ट नियम?
मंत्रालय द्वारा जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक:
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अगर किसी वाहन पर टोल का बकाया है,
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या वाहन पर वैध फास्टैग नहीं लगा है,
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या टोल पॉइंट पर भुगतान नहीं हुआ है,
तो संबंधित विभाग रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस रिन्यूअल, वाहन स्वामित्व ट्रांसफर या कोई अन्य सेवा प्रदान नहीं करेगा।
यह कदम उन वाहन मालिकों के लिए झटका हो सकता है, जो जानबूझकर या लापरवाही से टोल शुल्क नहीं चुकाते हैं।
फास्टैग नियमों में भी बड़ा बदलाव
सरकार 15 अगस्त से फास्टैग से जुड़ा एक नया नियम भी लागू करने जा रही है। इसके तहत:
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₹3,000 का वार्षिक फास्टैग पास शुरू किया जाएगा।
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यह पास एक वर्ष या 200 ट्रिप्स (जो पहले हो) तक वैध रहेगा।
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यह सुविधा सिर्फ गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (जैसे कार, जीप, वैन) के लिए होगी।
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इसके माध्यम से पूरे देश में किसी भी नेशनल हाईवे पर निर्बाध यात्रा की जा सकेगी।
आपको क्या करना चाहिए?
अगर आपकी गाड़ी पर कोई टोल बकाया है, तो तुरंत उसका भुगतान करें। साथ ही, यह सुनिश्चित करें कि:
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आपका फास्टैग सक्रिय और वैध हो।
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हर टोल प्लाजा पर आपकी गाड़ी से सही तरीके से शुल्क कट रहा हो।
अन्यथा, आने वाले दिनों में आपकी गाड़ी से जुड़ी जरूरी प्रक्रिया—जैसे RC रिन्यूअल, इंश्योरेंस या NOC—रुक सकती है।
🔴 ध्यान दें: यह नियम फिलहाल ड्राफ्ट स्टेज में है, यानी इस पर आम जनता और संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे गए हैं। अंतिम अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है।