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‘निगाह-ए-एआई’ की निगरानी में होगी यूपी की विधानसभा

 

लगेगी देश की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली
हाईटेक सिस्टम के लिए ई-टेंडर जारी

नीरज श्रीवास्तव
लखनऊ,नवसत्ता। उत्तर प्रदेश विधानसभा अब तकनीकी रूप से देश की सबसे उन्नत विधायिका बनने जा रही है। अब उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही पर ‘निगाह-ए-एआई’ रहेगी, जो चेहरे की पहचान, संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान, और विधायकों की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने में सक्षम होगी। विधानसभा परिसर में इस हाईटेक सिस्टम के लिए ई-टेंडर जारी कर दिया गया है और टेंडर फाइनल होने के 45 दिनों के भीतर कैमरों की स्थापना पूरी कर ली जाएगी। इस नई तकनीक से रूबरू कराने के लिए विधायकों को आगामी मानसून सत्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस तकनीकी बदलाव की घोषणा बजट सत्र के दौरान की थी। अनुमान है कि यह सिस्टम इस वर्ष के शीतकालीन सत्र से पहले लागू कर दिया जाएगा। सिस्टम परिसर के हर कोने पर नजर रखेगा और सभी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग करेगा। यह निगरानी तंत्र 42 डिवाइसेज से लैस होगा और मौजूदा ऑडियो-वीडियो सिस्टम के साथ पूरी तरह समन्वित होगा।

🌐 तकनीकी बदलाव, वैश्विक मानकों की ओर

चेहरा पहचानने की तकनीक इतनी उन्नत होगी कि नकाब, दाढ़ी-मूंछ या बदले हुए हेयरस्टाइल के बावजूद व्यक्ति की पहचान संभव हो सकेगी। अगर कोई व्यक्ति वॉचलिस्ट में होगा, तो उसके प्रवेश करते ही अलर्ट जारी हो जाएगा। साथ ही, नाम, समय, तारीख और लोकेशन सहित ऑटोमेटिक रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। भीड़ में मौजूद हर व्यक्ति की पहचान और आवाज, फोटो, वीडियो सहित सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड एआई और डीप लर्निंग तकनीक के जरिए सुरक्षित किया जाएगा।

सिस्टम इंस्टॉल करने वाली कंपनी को यह प्रमाण देना होगा कि नया सिस्टम पुराने उपकरणों के साथ पूरी तरह मेल खाता है। इसके लिए सामंजस्य प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। यूपी विधानसभा की इस पहल को सुरक्षा और पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया है। यह व्यवस्था न सिर्फ अनधिकृत प्रवेश को रोकेगी बल्कि विधायकों की गतिविधियों को भी रिकॉर्ड कर जवाबदेही सुनिश्चित करेगी। विधानसभा सूत्रों के मुताबिक यह तकनीक इस साल के शीतकालीन सत्र से पहले लागू हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा इस तरह का एआई आधारित निगरानी तंत्र अपनाने वाली देश की पहली विधायिका होगी। इससे न केवल सुरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलेगी बल्कि तकनीकी रूप से यह संस्था अंतरराष्ट्रीय मानकों की ओर अग्रसर होगी।

विधायकों को इस नई तकनीक से रूबरू कराने के लिए कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की कार्यशैली के कारण यूपी की विधानसभा लगातार चर्चा में है। उन्होंने विधानसभा को लेकर आमजनता के बीच जिज्ञासा पैदा की है फिर चाहे वो साज-सज्जा की बात हो या यूपी की विधानसभा के सदस्यों की छवि निखारने का काम हो।

विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई या अगस्त के प्रथम सप्ताह में

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आगामी 28 जुलाई या अगस्त के प्रथम सप्ताह में प्रस्तावित है।

❄️ एआई की निगरानी में होगा शीतकालीन सत्र

🔐 मुख्य विशेषताएं एक नजर में

चेहरा पहचान तकनीक: नकाब, दाढ़ी, बदला लुक एआई सब पहचानेगा
वॉचलिस्ट अलर्ट:  काली सूची में शामिल शख्स दिखते ही अलार्म
तुरंत रिपोर्टिंग: नाम, तारीख, समय और लोकेशन के साथ ऑटो रिपोर्ट
क्राउड एनालिटिक्स: भीड़ में भी हर व्यक्ति की पहचान
रिकॉर्डिंग सिस्टम: तस्वीर, वीडियो, ऑडियो सब कुछ सुरक्षित

➡ अब सवाल नहीं उठेंगे, रिकॉर्डिंग में सब होगा साफ!

➡ लोकतंत्र की निगरानी अब तकनीक के भरोसे!

 

 

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