नई दिल्ली,नवसत्ता: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में बड़ा दावा करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी को दान देने वालों के साथ धोखाधड़ी की गई है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस. वी. राजू ने कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस को चंदा दिया, उनमें से कुछ को पार्टी टिकट दिए गए। यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिससे आम दानदाताओं को अंधेरे में रखा गया।
राजू ने यह भी कहा कि गांधी परिवार का यह दावा गलत है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था। उन्होंने दलील दी कि AJL वही संस्था है, जो मूल रूप से नेशनल हेराल्ड अख़बार की प्रकाशक थी, और इसका संचालन सीधे कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा रहा है।
इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को 14 जुलाई को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया है।
बचाव पक्ष की दलील
इससे पहले, 5 जुलाई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर. एस. चीमा ने कहा था कि कांग्रेस AJL को बेचना नहीं चाहती थी, बल्कि वह संस्था को बचाने की कोशिश कर रही थी क्योंकि AJL स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी संस्था है। उन्होंने सवाल उठाया कि ईडी AJL का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन क्यों नहीं पेश कर रही है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि AJL की सभी नीतियाँ कांग्रेस के अनुरूप होंगी।
वहीं, 4 जुलाई को सोनिया गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने इस मामले में “आश्चर्यजनक और अनपेक्षित” तर्क दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का ऐसा मामला है जिसमें न तो कोई धन लेन-देन स्पष्ट है और न ही कोई अवैध संपत्ति का जिक्र। सिंघवी ने कहा कि यंग इंडियन (Young Indian) ने AJL को कर्जमुक्त करने के लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई, जो कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया है।
राजनीतिक और कानूनी तकरार
इस पूरे मामले में अब कानूनी बहस के साथ-साथ राजनीतिक संग्राम भी तेज होता जा रहा है। कांग्रेस इसे केंद्र सरकार द्वारा बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि ईडी इसे गंभीर वित्तीय अनियमितता मान रही है।
अब सभी की नजरें 14 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां आरोपी पक्ष अपना विस्तृत जवाब पेश करेगा।