नई दिल्ली, नवसत्ता: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा पश्चिम बंगाल के लोगों को कश्मीर आने का निमंत्रण दिए जाने के बाद, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक विवादित बयान दिया है। अधिकारी ने बंगालियों से कश्मीर न जाने की अपील की है, खासकर उन इलाकों में जहाँ मुस्लिम आबादी अधिक है। यह मुद्दा हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद एक बार फिर गरमा गया है।
शुभेंदु अधिकारी का विवादित बयान
शुभेंदु अधिकारी ने साफ तौर पर कहा, “कोई भी बंगाली कश्मीर नहीं जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “मैं पार्टी से जुड़े होने के कारण यह कह रहा हूं, उन जगहों पर न जाएं जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। अगर जाना ही है तो जम्मू जाइए।” अधिकारी ने लोगों से अपनी जान को प्राथमिकता देने और मुस्लिम बहुल इलाकों से बचने की सलाह दी।
उमर अब्दुल्ला का निमंत्रण और ममता बनर्जी का समर्थन
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला वर्तमान में बंगाल दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, जिसके दौरान उन्होंने ममता बनर्जी और बंगाल की जनता को जम्मू-कश्मीर आने का निमंत्रण दिया। ममता बनर्जी ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया और बंगाल की जनता से भी कश्मीर जाने का आग्रह किया। सीएम बनर्जी ने सुरक्षा की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार पर छोड़ी, और बताया कि वह दुर्गा पूजा के आसपास कश्मीर जाएंगी।
पहलगाम हमले का संदर्भ
शुभेंदु अधिकारी ने अपने बयान के पीछे पहलगाम हमले का हवाला दिया, जो 22 अप्रैल को हुआ था। इस घातक आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। अधिकारी ने कहा कि हमलावरों ने हत्या करने से पहले शरीर के अंगों और सिंदूर की जांच की थी, और जिन पर शक था उनसे कलमा भी पढ़वाया गया था। उन्होंने कैप्टन हिमांशी नरवाल की पत्नी के दुख का भी जिक्र किया, जो इस हमले में मारे गए थे। अधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि अपने परिवार को सुरक्षित रखना है तो कश्मीर जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जाने से बचें। इस हमले के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़कने का डर था, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया गया।
वैकल्पिक पर्यटन स्थलों का सुझाव
शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल के लोगों को कश्मीर के बजाय उत्तराखंड (जिसे उन्होंने “हमारी देवभूमि” कहा), हिमाचल प्रदेश और ओडिशा जैसे अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों को छोड़कर हमें देश के सभी हिस्सों का दौरा करना चाहिए।
इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है, खासकर तब जब विभिन्न नेता जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।