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बिहार बंद: वोटर वेरिफिकेशन के खिलाफ विपक्ष का सड़क पर प्रदर्शन, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव हुए शामिल

पटना,नवसत्ता: चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे वोटर वेरिफिकेशन अभियान के खिलाफ बुधवार को बिहार में महागठबंधन ने प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया। इस बंद के तहत राज्य के कई हिस्सों में सड़क जाम, ट्रेनों को रोकने और सरकार विरोधी नारेबाजी जैसे घटनाक्रम सामने आए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और दीपांकर भट्टाचार्य जैसे बड़े नेता पटना में विरोध मार्च का नेतृत्व करते नजर आए।

राहुल गांधी पटना पहुंचे, किया रोड मार्च

दिल्ली से पटना पहुंचे राहुल गांधी ने विरोध रैली में भाग लिया। वह तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ इनकम टैक्स चौराहे से चुनाव आयोग कार्यालय की ओर काफिले के रूप में रवाना हुए। इस दौरान उनके साथ भारी संख्या में कार्यकर्ता भी सड़क पर उतरे, जिससे ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई।

किस-किस ने लिया हिस्सा?

महागठबंधन के तहत RJD, कांग्रेस, वाम दल, जन अधिकार पार्टी, वीआईपी पार्टी सहित 6 से अधिक दलों ने बंद में भागीदारी की। राज्य भर में अलग-अलग स्थानों पर इन दलों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की।


प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शन की तस्वीरें

  • बिहिया स्टेशन (भोजपुर): पूर्व विधायक भाई दिनेश की अगुवाई में श्रमजीवी एक्सप्रेस और विभूति एक्सप्रेस को रोका गया।

  • बेगूसराय: NH-31 पर आरजेडी कार्यकर्ताओं ने जाम लगाया और जमकर नारेबाजी की।

  • जहानाबाद: महागठबंधन नेताओं ने मेमू पैसेंजर ट्रेन को कुछ देर रोका, पुलिस ने ट्रैक खाली करवाया।

  • दरभंगा: ‘नमो भारत ट्रेन’ को रोककर प्रदर्शन किया गया।

  • पटना (मनेर): NH-30 पर सड़क जाम और आगजनी हुई।

  • आरा-सासाराम मार्ग: भाकपा-माले ने मुख्य मार्ग को बाधित किया, जिससे बड़ा ट्रैफिक जाम लगा।

  • सचिवालय हॉल्ट (पटना): पप्पू यादव ने समर्थकों के साथ ट्रेन रोकी और विरोध जताया।


पुलिस और प्रशासन अलर्ट

प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ के कारण पटना सहित कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करनी पड़ी। राजद और जदयू कार्यालय से आगे बढ़ते काफिले को नियंत्रित करने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। किशनगंज में विशेष सतर्कता बरती गई और कंट्रोल रूम से निगरानी की जा रही है। बहादुरगंज, पोठिया, दिघलबैंक और ठाकुरगंज में अधिकारी तैनात किए गए हैं।


नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

  • राहुल गांधी: “कानून चुनाव आयोग को नहीं छोड़ेगा।”

  • तेजस्वी यादव: “चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है।”

  • कन्हैया कुमार: “हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए सड़कों पर हैं।”

  • मृत्युंजय तिवारी (RJD): “चुनाव आयोग भाजपा आयोग नहीं बनना चाहिए।”


यह बिहार बंद न केवल राज्य की राजनीति में एक बड़ी हलचल बनकर सामने आया, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि आने वाले चुनावों में वोटर वेरिफिकेशन को लेकर विपक्ष सड़कों पर उतरने को तैयार है।

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