मुंबई,नवसत्ता : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मात्र तीन महीनों (जनवरी-मार्च 2025) में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन सरकार इस गंभीर मुद्दे पर खामोश है। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार अमीरों पर ध्यान दे रही है, जबकि किसान कर्ज, महंगी खाद, बीज और डीजल की मार झेल रहे हैं और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी भी नहीं मिल रही है।
तीन महीने में 767 किसानों ने दी जान, विदर्भ में सबसे ज्यादा मामले
महाराष्ट्र विधानसभा में हाल ही में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच राज्य में 700 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की। इनमें से अधिकांश मामले विदर्भ क्षेत्र से सामने आए हैं। कांग्रेस विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार से इस पर सवाल उठाए और मृतक किसानों के परिवारों को दी जा रही 1 लाख रुपये की सहायता राशि को बढ़ाने की मांग की। राज्य सरकार का दावा है कि वह किसानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
राहुल गांधी ने इस आंकड़े को केवल संख्या नहीं, बल्कि “767 किसानों के उजड़े हुए घर” बताया और कहा कि ये परिवार कभी संभल नहीं पाएंगे। उन्होंने सरकार की चुप्पी और बेरुखी पर गहरी चिंता व्यक्त की।
“सरकार किसानों को मार रही है, अमीरों के कर्ज माफ हो रहे हैं”
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसान दिन-ब-दिन कर्ज के दलदल में धंसता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीज, खाद और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि किसानों की कर्ज माफी की मांग को नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन “करोड़ों वालों के लोन को मोदी सरकार आराम से माफ कर देती है।” उन्होंने अनिल अंबानी के 48,000 करोड़ के एसबीआई फ्रॉड का उदाहरण देते हुए इस बात पर जोर दिया।
मोदी के वादे पर सवाल: “आय दोगुनी नहीं, जिंदगी आधी हुई”
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “किसानों की आमदनी दोगुनी करने” के वादे को याद दिलाते हुए कहा कि किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामले दर्शाते हैं कि आय दोगुनी तो नहीं हुई, बल्कि किसानों की जिंदगी आधी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि “यह सिस्टम किसानों को चुपचाप और लगातार मार रहा है,” जबकि “मोदी जी अपने ही पीआर का तमाशा देख रहे हैं।”
विदेशी निर्भरता से कृषि की रीढ़ कमजोर
राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन विदेशी निर्भरता की वजह से यह रीढ़ कमजोर होती जा रही है। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भारत का 80% उर्वरक चीन से आता था, और अब जब चीन ने इसकी आपूर्ति बंद कर दी है, तो सरकार ने पहले से इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की।