हरिद्वार नवसत्ता, खरीफ — किसानों को समर्पित एक फिल्म, तिलोक कोठारी की कम्पनी तृषा स्टूडियो के माध्यम से जल्द रिलीज होगी।जब आज का सिनेमा मनोरंजन की चमक-दमक और बड़े बजट की कहानियों में उलझा हुआ है, तब एक फिल्म निर्माता यदि गांव, खेती और किसान की सच्चाई को बड़े पर्दे पर लाने का निर्णय लेता है, तो यह न केवल साहस का कार्य है, बल्कि देश के अन्नदाताओं के प्रति एक सच्चा श्रद्धा-सुमन भी है।
खरीफ — एक दो घंटे की सामाजिक-संवेदनशील फिल्म, जो देश के किसान जीवन की संघर्षगाथा को बारीकी से दर्शाती है, जल्द ही तृषा स्टूडियो शालीमार प्रोडक्शन्स लिमिटेड द्वारा प्रदर्शित की जा रही है। शालीमार प्रोडक्शन्स लिमिटेड के प्रमुख श्री तिलोक कोठारी ने,जो स्वयं एक किसान परिवार से आते हैं और आज एक सफल व्यवसायी के रूप में जाने जाते हैं।
तिलोक कोठारी का मानना है कि,
सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, समाज का दर्पण भी है। जब किसानों और मजदूरों पर कहानियाँ गढ़ी नहीं जातीं, तब एक निर्माता का कर्तव्य है कि वह उन आवाज़ों को मंच दे, जिन्हें अब तक अनसुना किया गया है। ‘खरीफ’ मेरा व्यक्तिगत और भावनात्मक प्रयास है।
खरीफ दरअसल न केवल एक सामाजिक कथा है, बल्कि यह मौन रह रहे ग्रामीण भारत की एक सजीव अभिव्यक्ति भी है। यह फिल्म उस भारत की कहानी कहती है जो हल के पीछे चलता है, पर सपनों से बड़ा सोचता है।
फिल्म का निर्माण भूमा मोशन पिक्चर्स के बैनर तले हुआ है। इसमें प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं: मनोज कुमार, मनोहर पांडे, यामिनी मिश्रा, प्रकाश चौधरी और सम्राट सोनी ने। इनमें से कई कलाकार नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) और थिएटर पृष्ठभूमि से जुड़े हैं।
फिल्म की पटकथा लिखी है बिक्रम सिंह ने, जबकि गीतों का संलेखन किया है मेनका त्रिपाठी और बरखा पिंचा ने। निर्माताओं में धीरेन्द्र डिमरी और प्रकाश चौधरी का नाम शामिल है। प्रकाश चौधरी ने इस फिल्म में अभिनय भी किया है। फिल्म का निर्देशन किया है जेन पौल ने
फिल्म का ट्रेलर शीघ्र ही रिलीज किया जाएगा और इसे देशभर में थिएटरों तथा ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किया जाएगा।