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पहलगाम हमला: सरकार ने मानी सुरक्षा चूक, विपक्ष बोला- आतंकी कैंप नेस्तनाबूद करो



संवाददाता
नई दिल्ली, नवसत्ताः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर आज दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार ने पहली बार स्वीकार किया है कि सुरक्षा में गंभीर चूक हुई है। संसद भवन स्थित एनेक्सी बिल्डिंग में हुई इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, TMC, AAP, और अन्य दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद बताया कि इंटेलिजेंस ब्यूरो और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने नेताओं को विस्तार से जानकारी दी कि हमले के पहले किन स्तरों पर चूक हुई। सभी दलों ने एक स्वर में सरकार के साथ खड़े रहने और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की निर्णायक कार्रवाई को समर्थन देने का आश्वासन दिया। बैठक में यह भी तय हुआ कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

बैठक में आप सांसद संजय सिंह और टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय ने आतंकी कैंपों को जड़ से मिटाने की मांग की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है और विपक्ष सरकार के हर निर्णायक कदम में साथ खड़ा रहेगा। राहुल गांधी शुक्रवार को अनंतनाग पहुंचकर हमले में घायल हुए लोगों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों ने इस हमले की निंदा की है और अब वक्त है कार्रवाई का।

इस बीच भारत ने आतंकी हमले के जवाब में कई कड़े कदम उठाए हैं। वायुसेना ने ‘आक्रमण’ नाम से युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है जिसमें अंबाला और हाशीमारा से राफेल स्क्वॉड्रन हिस्सा ले रही हैं। INS सूरत से मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। भारत ने अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया है, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए हैं, और पाकिस्तान सरकार के X (पूर्व ट्विटर) हैंडल को भारत में बैन कर दिया गया है। 65 साल पुराने सिंधु जल समझौते को भी रोकने का निर्णय लिया गया है।

इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को जम्मू-कश्मीर न जाने की एडवाइजरी जारी की है, वहीं रूसी मीडिया ने दावा किया है कि भारत कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। विदेश मंत्रालय ने जर्मनी, जापान समेत कई देशों के राजदूतों को बुलाकर स्थिति की जानकारी दी है।

श्रीनगर में स्थानीय दुकानदारों ने पहलगाम हमले के विरोध में काले झंडे लगाए हैं। इस हमले में जान गंवाने वाले एक लेफ्टिनेंट की पत्नी का बयान – “नाम पूछकर गोली मारी गई” – पूरे देश को झकझोर गया है।

हमले के बाद की यह हलचल बताती है कि भारत इस बार सिर्फ निंदा या चेतावनी तक नहीं रुकेगा। सरकार और विपक्ष की एकजुटता, सैन्य तैयारी, और अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर तेज़ी से बदलते रुख संकेत दे रहे हैं कि भारत इस बार निर्णायक मोड़ पर है।

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