नई दिल्ली, नवसत्ताःअमेरिका सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चीन पर लगाए गए 125% टैरिफ की सूची से बाहर कर दिया है। इन उत्पादों को टैरिफ से राहत देने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां जैसे एप्पल, डेल टेक्नोलॉजी और अन्य चीन से भारी मात्रा में आयात करती हैं।
कस्टम एजेंसी ने जारी की नई टैरिफ छूट सूची
अमेरिकी कस्टम और सीमा सुरक्षा एजेंसी ने एक नोटिस जारी कर उन उत्पादों की सूची साझा की है जिन्हें टैरिफ से छूट दी गई है। इस सूची में 20 प्रमुख उत्पाद शामिल हैं, जिनमें व्यापक टैरिफ कोड 8471 भी है। यह कोड कंप्यूटर, लैपटॉप, डिस्क ड्राइव्स और ऑटोमेटेड डेटा प्रोसेसिंग डिवाइसों जैसे उपकरणों पर लागू होता है। साथ ही इसमें सेमीकंडक्टर डिवाइस, मेमोरी चिप्स और फ्लैट पैनल डिस्प्ले जैसे अहम टेक उत्पाद भी शामिल हैं।
हालांकि ट्रंप प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह निर्णय क्यों लिया गया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बढ़ती महंगाई और आम जनता पर पड़ने वाले आर्थिक असर को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
टेक कंपनियों को राहत, लेकिन सेमीकंडक्टर पर सख्ती की तैयारी
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलीन लेवित ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप नहीं चाहते कि अमेरिका तकनीकी क्षेत्र में चीन पर निर्भर रहे। उन्होंने कहा कि एपल, एनवीडिया और ताइवानी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जैसी बड़ी कंपनियां जल्द ही अमेरिका में ही उत्पादन शुरू करेंगी। इसके साथ ही सेमीकंडक्टर सेक्टर को लेकर एक नई राष्ट्रीय सुरक्षा व्यापार जांच की घोषणा की गई है, जिससे आगे चलकर इस क्षेत्र पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए जा सकते हैं।
महंगाई और चुनावी दबाव बना वजह
स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों को टैरिफ से बाहर करने का निर्णय स्पष्ट रूप से यह दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन को टैरिफों के आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव का एहसास हो गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर 125% टैरिफ लागू होते, तो आईफोन जैसे स्मार्टफोन की कीमत 1,599 डॉलर से बढ़कर 2,300 डॉलर तक हो सकती थी।
अमेरिका के सेंसस ब्यूरो के मुताबिक, साल 2024 में अमेरिका ने चीन से सबसे ज्यादा स्मार्टफोन और लैपटॉप आयात किए थे। स्मार्टफोन का आयात मूल्य करीब 41.7 अरब डॉलर और लैपटॉप का 33.1 अरब डॉलर रहा।
आर्थिक नीतियों पर राजनीतिक बहस
महंगाई और आर्थिक अस्थिरता के बीच ट्रंप की टैरिफ नीति उनकी पार्टी में भी विवाद का कारण बन रही है। रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेता टैरिफ से संभावित मंदी की आशंका को लेकर चिंतित हैं। दूसरी ओर, डेमोक्रेट्स ट्रंप की आर्थिक नीतियों पर लगातार हमले कर रहे हैं और इसे आम जनता के हितों के खिलाफ बता रहे हैं।
हालांकि ट्रंप ने फिलहाल 90 दिनों के लिए इन टैरिफों पर रोक लगाई है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी साल में वे किस दिशा में जाते हैं—चीन पर आर्थिक दबाव बनाए रखते हैं या घरेलू महंगाई को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर से टैरिफ हटाने का ट्रंप प्रशासन का यह कदम तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत की खबर है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की अगली चाल अभी बाकी है।