Navsatta
खास खबरमुख्य समाचार

सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा नीट- यूजी की परीक्षा कराने से किया इनकार

नई दिल्ली,नवसत्ता :- नीट -यूजी परीक्षा दोबारा आयोजित करने की मांग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। सीजेआई ने कहा कि सीबीआई की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने एनटीए से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और एनटीएने अपने जवाब में आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है,उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना उचित नहीं होगा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ प्रश्न पत्र-लीक और अन्य कदाचार के आधार पर इस साल 5 मई को आयोजित एनईईटी-यूजी परीक्षा की दोबारा परीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई किया । फैसला सुनाते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों और आईआईटी मद्रास की एक रिपोर्ट की जांच की थी, जिसमें बताया गया था कि बड़े पैमाने पर कोई पेपर लीक नहीं हुआ था।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस स्तर पर रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री का अभाव है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दूषित है या परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल, हम दागी छात्रों को बेदागी छात्रों से अलग कर सकते हैं। अगर जांच के दौरान दागियों की पहचान होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई छात्र इस घोटाले में शामिल पाया जाता है तो उसे प्रवेश नहीं मिलेगा। हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना दोबारा परीक्षा का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए।

सीजेआई ने कहा कि दलीलें चार दिनों से अधिक समय तक सुनी गई हैं। हमने सीबीआई के अधिकारी कृष्णा सहित सभी पक्षों को सुना है। हम मानते हैं कि नीट यूजी का पेपर हजारीबाग और पटना में लीक हुआ था, इस पर कोई विवाद नहीं है। मामले में जांच को सीबीआई को सौंपे जाने के बाद, सीबीआई ने 10 जुलाई की तारीख वाली अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में, मुख्य मुद्दों पर विचार करते हुए, एनटीए, केंद्र और सीबीआई से हलफनामे मांगे थे। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, झारखंड में एफआईआर सीबीआई को हस्तांतरित किए जाने के बाद सीबीआई की भूमिका सामने आई है।

संबंधित पोस्ट

योगी सरकार का विजन अयोध्या को अध्यात्म के साथ पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में वैश्विक मानचित्र पर दे रहा नई पहचान

navsatta

यूपी आते ही गांधी प्रतिमा पर धरना दे प्रियंका ने घेरा योगी सरकार को

navsatta

एयर इंडिया ने शुरू किया बोइंग 777 विमानों का संचालन

navsatta

Leave a Comment