Navsatta
खास खबरचुनाव समाचारमुख्य समाचार

‘बहुजन’ को आजाद करने की तैयारी में जुटे चन्द्रशेखर रावण

पश्चिम के साथ-साथ पूरब में भी जनाधार बढ़ाने की कोशिश तेज की आसपा ने

नीरज श्रीवास्तव
लखनऊ,नवसत्ताः उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव केवल राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं बल्कि नेताओं की विरासत को भी तय करने वाला साबित होगा। 2022 को लेकर आजाद समाज पार्टी के मुखिया चन्द्रशेखर आजाद रावण जिस तरह बहुजन समाज को एकजुट कर रहे हैं उससे साफ है कि बसपा अध्यक्ष मायावती के लिए अब अपने वोटबैंक को समेटे रखना टंेढ़ी खीर बनता जा रहा है। यही नहीं पहली बार परिवारवाद व पैसे को लेकर उनके समाज से ही आवाजें उठने लगीं हैं।

बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांसीराम की विरासत लम्बे समय से पार्टी सुप्रीमो मायावती ही संभालतीं आ रही है। पहली बार उन्हें अपने वोटबैंक को लेकर प्रदेश में किसी अन्य पार्टी से तगड़ी चुनौती मिल रही है। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में लगे भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के संयोजक चंद्रशेखर आजाद रावण ने बहुजन समाज पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। चंद्रशेखर ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा है कि बीएसपी काबिलियत को पैसे और परिवारवाद से जोड़ती है। हमें अवसर मिलेगा तो उनसे बेहतर करके दिखाएंगे। उनके साथ रहकर विधायक तो बन जाते लेकिन लीडर नहीं बन पाते। हम बिना संसाधन के ही अपनी पार्टी को देश की सबसे बड़ी पार्टी बनाएंगे। मांगने से कुछ नहीं मिलता, छीनना पड़ता है। संविधान ने सबको बराबरी का हक दिया है।

चुनाव लड़ने पर बीएसपी के साथ बहुजन वोटों का बंटवारा होने के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा, हां, बहुजन वोटों का बंटवारा तो होगा लेकिन फिर भी बहुजनों की तादाद को देखते हुए इतने वोट तो मिल जाएंगे कि हमारी कई सीटें निकल जाएंगी। और हर एक जाति के वोटों का बंटवारा होता है तो बहुजन वोट में क्या समस्या है। जो संघर्ष करेगा, जनता उसके साथ जाएगी।

उन्होंने बीएसपी पर निशाना साधते हुए कहा, बीएसपी ने अपना सिद्धांत छोड़ दिया है। अपनी मिट्टी छोड़ देने वाला नीचे ही जाता है। सतीश चन्द्र मिश्र पर तंज कसते हुए कहा कि वह तो कांसीराम से भी बड़े नेता हो गए हैं। राम मंदिर का मुद्दा क्यों उठा रहे हैं। वह अयोध्या जाकर कह रहे हैं कि राम मंदिर बनाएंगे। दलितों को इससे क्या फायदा होगा। अगर दलित समाज के लोग हिंदू हैं तो क्यों उन्हें दलित कहा जाता है।

चन्द्रशेखर की रणनीति उस खाली जगह को भरने की है जिसके लिए बसपा संस्थापक कांसीराम ने जीवन भर संघर्ष किया। एक ओर जहां बसपा पर आरोप है कि वह भाजपा के खिलाफ खुलकर नहीं बोल रही है। वहीं उनकी पार्टी आजाद समाज पार्टी भाजपा सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। चन्द्रशेखर के मुताबिक हमने सभी 403 विधानसभा सीटों पर साइकिल यात्रा का पहला चरण पूरा कर लिया है। चंद्रशेखर ने अपील की है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता मुद्दों पर वोट करे। धर्म पर वोट न करे। भाजपा बहुजन विरोधी है।

संबंधित पोस्ट

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगाः केशव प्रसाद मौर्य

navsatta

कटऑफ प्राप्त करने वाले समस्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए किया जाएगा आमंत्रित

navsatta

उत्तर प्रदेश में चार साल में 82 लाख करोड़ से भी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का मास्टर प्लान तैयार

navsatta

Leave a Comment