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क्षेत्रीय

आम क्या ख़ास भी रो रहे जिले में

प्रशाशनिक अधिकारी भी परेशान स्वास्थ्य तंत्र से

सीएमओ से गुहार के बाद भी नहीं हुई सुनवाई

चार दिन बाद भी नहीं मिली जांच रिपोर्ट

संवाददाता: गरिमा/संदीप पाण्डेय

रायबरेली नवसत्ता: जिले में कोविड जांच और इलाज़ का हाल राम भरोसे ही चल रहा है| जहाँ एक तरफ सरकारी अस्पतालो में जांच के नाम पर पैसे लेने की बाते धीरे धीरे सरेआम होती जा रही है वही स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता भी लगभग हर मौके पर सामने आ रही है| ताज़ा प्रकरण एडीएम एफआर प्रेम प्रकाश उपाध्याय से जुड़ा है जोकि स्वयं परिवार सहित कोविड से संक्रमित है और न तो अब तक उनकी जांच की रिपोर्ट आई न ही कोई इलाज शुरू हुआ, जिसकी सूचना उन्होंने स्वयं एक पत्र के माध्यम से पत्दीरकार बंधुओ को दी, जिसमे उन्होंने लिखा कि “वे पिछले कई दिनों से परिवार समेत जुखाम, खांसी, बुखार से पीड़ित है और अपने सरकारी आवास में रह रहे है| अपने एवं परिवार की आरटीपीसीआर की जांच के लिए सीएमओ रायबरेली से कई बार आग्रह करने के बाद भी जब जवाब नहीं मिला तो नायब तहसीलदार के प्रयास से उनकी जांच दिनांक २० अप्रैल २०२१ को हुई जिसकी जांच रिपोर्ट भी अभी तक नहीं आई है|” हमारे जिला प्रभारी राय अभिषेक ने जब एडीएम एफआर के नंबर पर संपर्क किया तो उनके पुत्र अपूर्व उपाध्याय ने बताया कि “अभी तक कोई भी जांच की रिपोर्ट हमें नहीं मिली है न ही किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सहायता मिल रही है जबकि हम बार बार सबके सामने गुहार लगा रहे है| बस अभी किसी ने हमें फोन करके बताया की रिपोर्ट नेगेटिव है| यदि रिपोर्ट नेगेटिव है तो पापा का ऑक्सीजन लेवल बार क्यों ऊपर नीचे खतरे के मानक के ही आस पास ही रह रहा है और ये हाल सिर्फ उनका ही नहीं बल्कि घर में सभी लोग का है|” जिले में सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि प्रशाशनिक तबका भी स्वास्थ्य विभाग की अनियमित्ताओ की वजह से रो रहा है जिसका संज्ञान लेने वाला कोई भी नहीं है|

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